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कैग रिपोर्ट पर उत्तराखंड में सियासत गरमाई, बीजेपी-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप

Politics heats up in Uttarakhand over CAG report, allegations and counter-allegations between BJP and Congress

देहरादून: दिल्ली में सरकार बनते ही बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं को उजागर करना शुरू कर दिया हैकैग (CAG) रिपोर्ट के हवाले से आम आदमी पार्टी (AAP) पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। लेकिन इसी बीच उत्तराखंड में भी कैग की रिपोर्ट से बड़े घोटाले सामने आए हैं, जिस पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा है।

दिल्ली में कैग रिपोर्ट पर हमलावर बीजेपी, उत्तराखंड में खामोशी क्यों?

दिल्ली में कैग रिपोर्ट का हवाला देकर बीजेपी आम आदमी पार्टी पर हमले कर रही है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि उत्तराखंड में भी कैग रिपोर्ट ने कई विभागों में अनियमितताएं उजागर की हैं, फिर भी बीजेपी चुप्पी साधे बैठी है।

उत्तराखंड भवन एवं कर्मकार बोर्ड में बड़ा घोटाला

कैग रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में 607.09 करोड़ रुपये बिना स्वीकृति के खर्च कर दिए गए (2017-2020 के बीच)।

  • 35,000 साइकिलें खरीदी गईं, लेकिन सिर्फ 6,000 वितरित हुईं।
  • बड़ी संख्या में साइकिलें अभी भी गोदामों में धूल फांक रही हैं।
  • टूलकिट और अन्य सामानों की खरीद में भी भारी अनियमितता।

वन विभाग ने संरक्षण का बजट किया गबन

कैग रिपोर्ट में उत्तराखंड वन विभाग के एक बड़े घोटाले का भी खुलासा हुआ

  • वन संरक्षण के लिए मिले बजट का इस्तेमाल आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज और अन्य उपकरणों की खरीद में किया गया।
  • यह बजट ‘कैंपा फंड’ से मिला था, जिसे वनीकरण पर खर्च होना चाहिए था।
  • लंबे समय से विभाग में अनियमितताएं चल रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग में भी बड़ा खुलासा, मरीजों को दी गई एक्सपायरी दवाएं

कैग रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग में भी गंभीर खामियां उजागर हुईं

  • 2021-2022 में अस्पतालों में 2,359 दवा बैच की जांच हुई, जिसमें 439 बैच की दवाएं 3 महीने से ज्यादा पुरानी पाई गईं।
  • नियमों के तहत अस्पतालों में 3 महीने से अधिक पुरानी दवा नहीं होनी चाहिए।
  • कैग ने पाया कि अस्पतालों में ब्रांडेड दवाएं लिखी जा रही हैं, जबकि जेनेरिक दवाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

विपक्ष ने उठाए सवाल, कांग्रेस बोली- कैग रिपोर्ट पर बहस से बच रही सरकार

कैग रिपोर्ट पर विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरावरिष्ठ कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल का कहना है कि सरकार जानबूझकर बजट सत्र को सिर्फ 4 दिन का रख रही है ताकि कैग रिपोर्ट पर कोई बहस न हो।

गोदियाल ने कहा:

  • दिल्ली में बीजेपी कैग रिपोर्ट को लेकर आम आदमी पार्टी पर हमले कर रही है, लेकिन उत्तराखंड में अपनी सरकार पर चुप्पी साधे हुए है।
  • कैग रिपोर्ट में घोटालों के बड़े खुलासे हुए हैं, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।

राजनीतिक जानकार बोले- ऐसे तो कैग का महत्व खत्म हो जाएगा

राजनीतिक विश्लेषक आदेश त्यागी का कहना है कि पहले कैग रिपोर्ट आने पर प्रदेश में हंगामा मच जाता था, लेकिन अब इस पर कोई चर्चा नहीं होती

  • न सरकार को इसकी परवाह है, न ही विपक्ष इस पर खुलकर बोलता है।
  • अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो कैग की रिपोर्ट की अहमियत खत्म हो जाएगी।
  • दिल्ली की तरह उत्तराखंड में भी इस पर बहस होनी चाहिए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

बीजेपी की सफाई – ‘सरकार सब पर नजर रख रही है’

जब बीजेपी से इस मामले पर प्रतिक्रिया ली गई, तो प्रदेश संगठन महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि सरकार सभी मामलों पर नजर बनाए हुए है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि बीजेपी सिर्फ दिल्ली में कैग रिपोर्ट को हथियार बना रही है और उत्तराखंड में इसे नजरअंदाज कर रही है

👉 क्या उत्तराखंड में कैग रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई होगी या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा? यह देखना बाकी है।

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