मुंबई: वेव्स 2025 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ‘ऑरेंज इकॉनमी’ की औपचारिक शुरुआत की घोषणा करते हुए इसे देश की रचनात्मक ताकतों के लिए एक नया अध्याय बताया। ऑरेंज इकॉनमी को रचनात्मक अर्थव्यवस्था का नाम देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह संगीत, फिल्म, भोजन, गेमिंग और एनिमेशन जैसे क्षेत्रों के जरिए भारत की वैश्विक पहचान को और मजबूत बनाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत फिल्म निर्माण, डिजिटल कंटेंट, गेमिंग, फैशन, संगीत और लाइव कॉन्सर्ट्स का वैश्विक हब बन रहा है। यह ऑरेंज इकॉनमी के उदय की शुरुआत है। आने वाले वर्षों में यह अर्थव्यवस्था भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।”
मोदी ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मकता की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय भोजन और संगीत अब दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय संगीत आने वाले समय में वैश्विक स्तर पर और भी अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाएगा।
कंटेंट क्रिएटर्स को सरकार का समर्थन
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देश के कंटेंट क्रिएटर्स को विशेष संदेश देते हुए कहा, “आप भारत की रचनात्मकता में नई जान फूंक रहे हैं। हमारी सरकार स्टार्टअप्स, स्किल इंडिया और रचनात्मक क्षेत्रों में हर संभव सहयोग कर रही है। आपके सपनों को साकार करने के लिए हम हर स्तर पर साथ हैं।”
WAVES पहल से उभरती प्रतिभाओं को मिलेगा मंच
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह पद्म पुरस्कार अब ‘जनता के पद्म पुरस्कार’ बन गए हैं, उसी तरह WAVES पहल का उद्देश्य भी डिजिटल रचनात्मक क्षेत्र में उभरती प्रतिभाओं को पहचान देना है। यह मंच गुमनाम रचनात्मक प्रतिभाओं को सामने लाने में मदद करेगा।
क्या है ऑरेंज इकॉनमी?
ऑरेंज इकॉनमी वह आर्थिक मॉडल है जो विचारों, कला, संस्कृति, विज्ञान और टेक्नोलॉजी पर आधारित होता है। यह उन वस्तुओं और सेवाओं को सम्मिलित करता है जिनका मूल्य उनके रचनाकारों की सोच और विशेषज्ञता पर आधारित होता है। इसका नाम ‘ऑरेंज’ रचनात्मकता के प्रतीक रंग से लिया गया है।
प्रधानमंत्री की यह पहल भारत को वैश्विक रचनात्मक अर्थव्यवस्था में अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।