देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में इको टूरिज्म को एक नई दिशा देने की तैयारी चल रही है। वन विभाग की इको टूरिज्म यूनिट एक विस्तृत व्यावसायिक योजना तैयार कर रही है, जिसका उद्देश्य निष्क्रिय इको टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को शून्य से 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंचाना है। यह योजना राज्य के 32 क्षेत्रों में इको टूरिज्म प्रोडक्ट्स को विकसित करेगी, जिसमें 14 साइटों पर कार्य पहले से ही चल रहा है।
नई डिजिटल पहलें और सिंगल प्लेटफार्म पर टूरिज्म एक्सपीरियंस
इको टूरिज्म के लिए एक सिंगल प्लेटफार्म की योजना बनाई गई है, जिससे पर्यटक एक ही जगह से सभी तरह की इको टूरिज्म गतिविधियों का आनंद ले सकें। इसके लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित वेबसाइट भी विकसित की जा रही है, जो पर्यटकों को उनकी बजट और समय सीमा के आधार पर टूरिज्म पैकेज चुनने में मदद करेगी।
स्थानीय समुदाय का समावेश और राष्ट्रीय सहयोग
इस योजना में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे उनकी आजीविका में सुधार हो। वे गाइड, फूड सर्विस, होम स्टे और टूरिज्म सेवाओं में भागीदारी कर सकेंगे। इको टूरिज्म के प्रचार के लिए IRCTC जैसी संस्थाओं से भी सहयोग की योजना है। राज्य को एक इको टूरिज्म हब बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ तालमेल भी बढ़ाया जा रहा है।
प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांचकारी अनुभव
पर्यटकों के लिए विभिन्न रोमांचक और प्राकृतिक अनुभवों से जुड़े पैकेज तैयार किए जा रहे हैं। इनमें वाइल्डलाइफ सफारी, साइकिलिंग, बर्ड वॉचिंग, जंगल में रात्रि विश्राम, प्राकृतिक सौंदर्य को महसूस करने के साथ-साथ, जंगल में ऑफिशल काम करने की सुविधाएं भी शामिल हैं। राज्य का उद्देश्य है कि आने वाले पांच वर्षों में इको टूरिज्म को न केवल पर्यावरण संरक्षण में बल्कि राज्य की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान देने वाली एक महत्वपूर्ण गतिविधि के रूप में स्थापित किया जाए।
उत्तराखंड का इको टूरिज्म पहल देशभर में एक मिसाल बनने की ओर है, जहां प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए आर्थिक विकास की एक नई इबारत लिखी जाएगी।