हरिद्वार। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज तीर्थनगरी हरिद्वार स्थित अधिष्ठात्री माया देवी मंदिर प्रांगण से वैदिक विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ पवित्र छड़ी यात्रा को उत्तराखण्ड के चारों धामों के लिए रवाना किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पवित्र छड़ी का अभिषेक कर माया देवी की पूजा-अर्चना की तथा संतगणों का माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा आठवीं शताब्दी में प्रारंभ की गई यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति की व्यापकता और उत्तराखण्ड की अद्भुत विविधता व एकता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 70 वर्ष पूर्व अवरुद्ध हुई यह यात्रा 2019 में श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के अथक प्रयासों से पुनः प्रारंभ हुई। उन्होंने कहा कि संत समाज का योगदान न केवल धार्मिक उत्थान तक सीमित है, बल्कि सीमांत क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और सनातन संस्कृति के संरक्षण का उल्लेख करते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ, महाकाल लोक, बद्रीनाथ, केदारनाथ और अयोध्या में श्रीराम मंदिर इसका जीवंत प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर निर्माण और 2027 के कुंभ मेले की तैयारियां धर्मनगरी को नए भव्य स्वरूप में प्रस्तुत करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के साथ कार्य कर रही है और संत समाज का आशीर्वाद इसी प्रकार मिलता रहे, यही कामना है।
यात्रा का मार्ग
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरिगिरि ने बताया कि जूना अखाड़े की यह छड़ी यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ होते हुए कुमाऊं मंडल के विविध तीर्थ स्थलों से गुजरकर पुनः हरिद्वार माया देवी मंदिर में प्रतिष्ठित की जाएगी।
साधु-संतों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर जूना अखाड़े के महामंत्री हरिगिरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज सहित अनेक साधु-संत, विधायक हरिद्वार मदन कौशिक, विधायक प्रदीप बत्रा, विधायक आदेश चौहान, मेयर किरण जैसल, भाजपा जिलाध्यक्ष अशुतोष शर्मा, राज्य मंत्री सुनील सैनी, वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।




