नई दिल्ली, 23 मई। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गुरुवार को ‘एक राष्ट्र, एक मिशन: प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें’ अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य देशभर में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैलाना और व्यवहार में बदलाव लाना है। यह कार्यक्रम ‘मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली)’ के अंतर्गत सरकार की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विशेषज्ञों ने की पहल की सराहना
पर्यावरण विशेषज्ञ आशीष अग्रवाल ने इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम को “समयानुकूल और प्रभावशाली” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह व्यक्तियों और समुदायों को पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित भी करेगी।
उन्होंने कहा, “यह अभियान अपशिष्ट प्रबंधन, वनीकरण और जिम्मेदार उपभोग को बढ़ावा देगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बहाल होगा।”
जनभागीदारी ही है परिवर्तन की कुंजी
अग्रवाल ने जन भागीदारी को किसी भी पर्यावरणीय प्रयास की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि “एकल उपयोग प्लास्टिक से बचना, पानी बचाना या पेड़ लगाना जैसे छोटे प्रयास भी राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।”
रीसाइकल इंडिया फाउंडेशन के तहत अग्रवाल ने बताया कि वे इस अभियान को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए प्रयासरत हैं।
अभियान के लिए केवल जागरूकता नहीं, नियम भी जरूरी
एक अन्य पर्यावरण विशेषज्ञ केदार सोहोनी ने अभियान का स्वागत तो किया, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “केवल जागरूकता से यह समस्या हल नहीं होगी। सरकार को सख्त कानून बनाने होंगे और उद्योगों को जवाबदेह बनाना होगा।”
उन्होंने भारत को विश्व का सबसे बड़ा प्लास्टिक प्रदूषण उत्पादक बताते हुए कहा कि जब तक कठोर नियम नहीं होंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं है। सोहोनी ने नागरिक, सरकार और निर्माता सभी को इस जिम्मेदारी में समान रूप से भागीदार बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
पूरे देश में चलेंगी गतिविधियां
मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के तहत राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, शैक्षणिक संस्थान, उद्योग और सामाजिक संगठन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। अभियान का मुख्य फोकस एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्पों को बढ़ावा देना और जनता को इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना है।