देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। इस पवित्र यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल से होगी, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भक्तों के लिए खोले जाएंगे। 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इस बार यात्रा को और सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का व्यापक उपयोग किया जा रहा है।
AI आधारित सुरक्षा और ट्रैफिक मॉनिटरिंग
चारधाम यात्रा मार्गों पर 30 हाई-टेक AI-आधारित कैमरे लगाए गए हैं, जो यात्रा के दौरान यातायात और सुरक्षा निगरानी का काम करेंगे। ये कैमरे कंट्रोल रूम को लाइव डेटा भेजेंगे और अगर कोई वाहन बिना रजिस्ट्रेशन या अनुमति के यात्रा मार्ग पर आता है, तो उसकी सूचना तुरंत चेक पोस्ट तक पहुंच जाएगी। इसके बाद ऐसे वाहनों को वापस भेज दिया जाएगा।
नोडल अधिकारी लोकजीत सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग के सहयोग से AI तकनीक को लेकर विशेष योजना तैयार की जा रही है, ताकि यात्रा को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जा सके।
रजिस्ट्रेशन हुआ अनिवार्य, ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। श्रद्धालु मार्च से ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन:
- उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर उपलब्ध होगा।
- आधार कार्ड अनिवार्य होगा।
- ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन:
- यात्रा शुरू होने से 10 दिन पहले ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू होगी।
यात्रा मार्ग और बुनियादी ढांचे में सुधार
सरकार ने यात्रा मार्गों की मरम्मत और सुगम यातायात व्यवस्था के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। सड़क सुधार कार्यों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर यात्री सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जा रहा है। धामों में रुकने, खाने-पीने और मेडिकल सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि तीर्थयात्री निर्बाध रूप से यात्रा कर सकें।
श्रद्धालुओं के लिए बेहतर अनुभव
चारधाम यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि उत्तराखंड की पर्यटन और अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस बार के हाई-टेक इंतजामों से यात्रा को और अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और आधुनिक बनाने की कोशिश की जा रही है।
तो अगर आप इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो जल्द ही अपना पंजीकरण कराएं और यात्रा की तैयारी शुरू करें! 🚩