देहरादून – भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में एनसीईआरटी (NCERT) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कक्षा 7 की सामाजिक विज्ञान की किताब में एक नया अध्याय जोड़ा गया है, जिसमें देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की जानकारी दी गई है। इस अध्याय में विशेष रूप से उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों और तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है, जिससे छात्र देश की आस्था से जुड़े स्थलों को बेहतर तरीके से समझ सकें।
उत्तराखंड की धार्मिक विरासत को मिला स्थान
कक्षा 7 की किताब में शामिल “How the Land Becomes Sacred” नामक अध्याय में उत्तराखंड के जागेश्वर धाम की तस्वीर प्रकाशित की गई है। इसके अलावा बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे चारधाम स्थलों की पौराणिक मान्यता और धार्मिक महत्ता का उल्लेख भी किया गया है। यह पहल विद्यार्थियों को न केवल इन स्थलों की जानकारी देगी, बल्कि उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को भी उजागर करेगी।
हरिद्वार के महत्व पर इतिहासकार धर्मपाल के विचार
इस अध्याय में प्रसिद्ध इतिहासकार धर्मपाल के लेखन से हरिद्वार की धार्मिक भूमिका को शामिल किया गया है। इससे छात्रों को यह जानने का अवसर मिलेगा कि कैसे सदियों से यह स्थान भारतीय आस्था और परंपराओं का केंद्र रहा है।
देश के चारधाम, ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ की जानकारी भी शामिल
अध्याय में भारत के चार प्रमुख धाम – बदरीनाथ, द्वारका, पुरी और रामेश्वरम् – का मानचित्र सहित विवरण दिया गया है। साथ ही देश के 12 ज्योतिर्लिंग और 51 शक्तिपीठों के नाम और स्थान भी शामिल किए गए हैं, जिससे छात्रों को भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों की व्यापक जानकारी मिलेगी।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम में बदलाव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत यह अध्याय शिक्षा में स्थानीय और सांस्कृतिक तत्वों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जोड़ा गया है। इसके माध्यम से छात्रों को न केवल भौगोलिक और ऐतिहासिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि भारतीय धर्म, परंपराओं और विविधता को समझने का अवसर भी मिलेगा।
समृद्ध विरासत से जुड़ेगा भविष्य
एनसीईआरटी की यह नई पहल छात्रों को अपनी जड़ों और संस्कृति से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह अध्याय न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि भारत की बहुरंगी धार्मिक परंपराओं को भी सम्मान देने वाला है, जो नई पीढ़ी को अपनी विरासत से जुड़ने का अवसर देगा।