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चमोली में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर शौर्य रन आयोजित, युवाओं ने दिखाया देशभक्ति का जज़्बा

Shaurya Run organized on the success of 'Operation Sindoor' in Chamoli, youth showed their patriotic spirit

नौटी से चौरासैंण तक दौड़े सैकड़ों युवा, सेना को सम्मान और संदेश

उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम के तहत ‘शौर्य रन’ दौड़ का आयोजन किया गया। यह दौड़ कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के नौटी गांव से चौरासैंण गांव तक आयोजित की गई। आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारतीय सैनिकों के साहस को नमन करना और हाल ही में सफल सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित श्रद्धांजलि देना था।

इस आयोजन में कई ग्राम सभाओं के युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कनोठ, झुरकंडे, चौंडली, पुड़ियाणी, कोली, देवल, नंदासैण, पुनगांव, डूंगरी, माथर सहित दो दर्जन से अधिक गांवों के प्रतिभागी इस दौड़ में शामिल हुए। दौड़ ने जहां एक ओर युवाओं की शारीरिक फिटनेस को सामने रखा, वहीं दूसरी ओर उनमें देश के प्रति जोश और गर्व की भावना भी दिखाई दी।

यूकेडी नेता ने दी सरकार को सलाह, अग्निवीर योजना पर पुनर्विचार की मांग

कार्यक्रम का नेतृत्व यूकेडी युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आशीष नेगी ने किया। उन्होंने मंच से सरकार को यह संदेश दिया कि पहाड़ी युवाओं के लिए सेना में भर्ती के अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने ‘अग्निवीर’ योजना को अल्पकालिक और सीमित अवसरों वाला बताते हुए उस पर पुनर्विचार की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि पहाड़ का युवा देशभक्ति से ओतप्रोत है, उसे स्थायी सेवाओं का अवसर मिलना चाहिए।

विजेताओं को किया गया सम्मानित, खेल और देशभक्ति का मिला संगम

दौड़ की विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को घोषित किया गया। ओपन पुरुष वर्ग में सुभाष, महिला वर्ग में निशा नेगी, अंडर-14 बालक वर्ग में कृष, अंडर-10 में महादेव, और बालिका वर्ग में प्राची ने प्रथम स्थान हासिल किया। सभी विजेताओं को स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में देशभक्ति का जोश

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में सैन्य कार्रवाई की थी, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इस कार्रवाई ने देश में गर्व और आत्मविश्वास का नया संचार किया, और चमोली का यह आयोजन उसी भाव को समर्पित था।

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