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उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) में शुक्रवार को प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद पर आधारित मासिक स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) श्री आनंद स्वरूप ने किया। उन्होंने कहा कि आज की व्यस्त जीवनशैली और बढ़ते तनाव के चलते कर्मचारियों का मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में आयुर्वेदिक चिकित्सा और प्राकृतिक उपचार स्वस्थ जीवन जीने के लिए बेहद आवश्यक हैं।
🧘 योग-प्राणायाम और दिनचर्या पर जोर
श्री स्वरूप ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से कर्मचारी न केवल तनावमुक्त रह सकते हैं, बल्कि दबाव की परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। शिविर में कर्मचारियों को योग, प्राणायाम और संतुलित दिनचर्या की जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी हर समय एलर्ट मोड पर रहते हैं। ऐसे में उनका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। इसलिए हर महीने इस तरह का एक दिवसीय शिविर आयोजित किया जाएगा।
🏥 स्वास्थ्य परीक्षण और औषधि वितरण
संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी ने बताया कि शिविर में कुल 86 अधिकारियों और कर्मचारियों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। साथ ही सभी को मुफ्त आयुर्वेदिक औषधियां भी दी गईं।
विशेषज्ञों ने ऋतुचर्या (ऋतु अनुसार जीवनशैली), योग और संतुलित आहार पर भी मार्गदर्शन दिया।
👨⚕️ विशेषज्ञों की भागीदारी
शिविर का संचालन डॉ. मिथिलेश कुमार, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, देहरादून के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर डॉ. रत्ना त्रिपाठी, मनेश कुमार, नितिन कपरवाण और राजेश कुमार ने सक्रिय योगदान दिया।
डॉ. मिथिलेश ने बताया कि विभाग नियमित रूप से ऐसे शिविर आयोजित करता है, ताकि कर्मचारी तनावमुक्त रहकर स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें।
🌿 आयुर्वेद संपूर्ण स्वास्थ्य संवर्द्धन का माध्यम
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आयुर्वेद केवल रोगों के उपचार का ही नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य संवर्द्धन का माध्यम है। इस शिविर से कर्मचारियों को प्राकृतिक चिकित्सा के लाभ समझने और कार्यस्थल पर अधिक सकारात्मकता व उत्पादकता के साथ कार्य करने में मदद मिलेगी।




