नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए। यह बैठक शनिवार तड़के पाकिस्तान के चार एयरबेस पर भारत की कार्रवाई के बाद बुलाई गई थी।
आतंकी कार्रवाई को माना जाएगा युद्ध की तरह
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में अहम फैसला लिया गया कि भविष्य में भारत के खिलाफ की गई किसी भी आतंकी कार्रवाई को ‘एक्ट ऑफ वॉर’ यानी युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा, और उसी के अनुरूप भारत जवाब देगा। यह निर्णय भारत की आक्रामक और निर्णायक सुरक्षा नीति की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
विदेश सचिव ने पेश किए पाक की उकसावे की कार्रवाई के सबूत
इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की भ्रामक जानकारी और उकसाने वाली गतिविधियों का खंडन किया। विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की हरकतें जानबूझकर तनाव बढ़ाने वाली थीं, जबकि भारत ने संयम और जिम्मेदारी के साथ प्रतिक्रिया दी।
झूठे दावों को किया खारिज
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि पाकिस्तान झूठा प्रचार कर रहा है कि भारत की सैन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने अधमपुर के S-400 सिस्टम, सिरसा और सूरतगढ़ के एयरबेस, नगरोटा में ब्रह्मोस यूनिट, और देहरांगियारी व चंडीगढ़ के तोपखाने पर हमले के झूठे दावे को सिरे से नकारा। उन्होंने इसे भारत की सैन्य छवि को कमजोर करने का प्रयास बताया।
एलओसी पर बढ़ी पाकिस्तानी गतिविधियां
सिंह ने यह भी जानकारी दी कि पाकिस्तान ने एलओसी पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। ड्रोन की मदद से हवाई घुसपैठ और भारी गोलाबारी की जा रही है, जिससे नागरिक इलाकों को खतरा हो रहा है। शनिवार को पाकिस्तान सीमा से सटे कई इलाकों में भारी गोलीबारी और संघर्ष की घटनाएं भी दर्ज की गईं।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देगा और अपने नागरिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरतेगा।