मुंबई: म्यूचुअल फंड्स का रुझान अब धीरे-धीरे अडाणी समूह की कंपनियों से हटता दिखाई दे रहा है। अप्रैल 2025 में, म्यूचुअल फंड्स ने सामूहिक रूप से अडाणी समूह की आठ सूचीबद्ध कंपनियों में 1,160 करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों की बिक्री की है, जिससे निवेशकों के बीच समूह को लेकर घटती रुचि का संकेत मिलता है।
सात कंपनियों में घटी हिस्सेदारी
अप्रैल महीने में अडाणी समूह की आठ में से सात सूचीबद्ध कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई है। जबकि मार्च में यह संख्या केवल चार थी। इस बदलाव से स्पष्ट है कि फंड मैनेजर्स अब अडाणी समूह में निवेश को लेकर पहले जैसी उत्सुकता नहीं दिखा रहे हैं।
अडाणी एंटरप्राइजेज में सबसे बड़ा विनिवेश
इस अवधि में सबसे बड़ा विनिवेश अडाणी एंटरप्राइजेज में देखने को मिला, जहां म्यूचुअल फंड्स ने 346 करोड़ रुपये से अधिक की हिस्सेदारी घटा दी। इसके बाद अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस (302 करोड़ रुपये) और अंबुजा सीमेंट्स (241 करोड़ रुपये) रहे, जिनमें भी बड़ी मात्रा में शेयरों की बिक्री हुई।
अन्य कंपनियों में भी गिरावट
इसके अलावा एसीसी में 124 करोड़ रुपये, अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड में 7.7 करोड़ रुपये और अडाणी टोटल गैस में 3.43 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी म्यूचुअल फंड्स द्वारा कम की गई। केवल अडाणी पावर ही एकमात्र कंपनी रही, जिसमें म्यूचुअल फंड्स ने 102 करोड़ रुपये का मामूली निवेश बढ़ाया है।
जनवरी से दिख रही है गिरावट की प्रवृत्ति
इस गिरावट की शुरुआत जनवरी 2025 में हुई थी, जब म्यूचुअल फंड्स की ओर से अडाणी समूह में निवेश महज 480 करोड़ रुपये तक सीमित रहा। फरवरी में यह गिरावट और स्पष्ट हुई, जब 321 करोड़ रुपये का विनिवेश हुआ। अप्रैल में यह रुझान और मजबूत हुआ है।
अडाणी ग्रीन एनर्जी को मिला संतुलन
हालांकि अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी एंटरप्राइजेज जैसी कुछ कंपनियों में अभी भी म्यूचुअल फंड्स की रुचि बनी हुई है, लेकिन व्यापक रूप से देखा जाए तो समूह के प्रति विश्वास में कमी देखी जा रही है।
यह बदलता रुझान संकेत देता है कि बाजार की निगाह में अडाणी समूह को लेकर सावधानी बढ़ रही है, और फंड मैनेजर्स अब जोखिम को संतुलित करने के लिए निवेश रणनीति में बदलाव कर रहे हैं।