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Mutual Fund Trends: लगातार तीसरे महीने SIP स्टॉपेज में बढ़त, निवेशकों का घटता भरोसा चिंताजनक संकेत

Mutual Fund Trends: Increase in SIP stoppage for the third consecutive month, decreasing investor confidence is a worrying sign

मार्च में 127.5% SIP स्टॉपेज अनुपात
मार्च 2025 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने एक गंभीर संकेत दर्ज किया, जहां नए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की तुलना में अधिक SIP योजनाएं बंद हुईं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार, मार्च में 51 लाख SIP बंद हुए जबकि सिर्फ 40 लाख नए SIP रजिस्टर हुए। यह 127.5% का SIP स्टॉपेज अनुपात दर्शाता है, जो निवेशकों के घटते विश्वास की ओर इशारा करता है।

तीन महीने से जारी गिरावट का ट्रेंड
SIP स्टॉपेज की यह प्रवृत्ति जनवरी और फरवरी में भी देखी गई थी, जब अनुपात क्रमशः 109% और 122% रहा। लगातार तीन महीनों तक SIP स्टॉपेज रजिस्ट्रेशन से अधिक रहना म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए एक चुनौती बन गया है, जो अब तक खुदरा निवेशकों के भरोसे पर टिकी थी।

फ्लो और नए रजिस्ट्रेशन में भी गिरावट
मार्च में SIP फ्लो घटकर ₹25,926 करोड़ रह गया, जो फरवरी में ₹25,999 करोड़ था। SIP खातों की संख्या भी घटकर 8.11 करोड़ हो गई, जो फरवरी में 8.26 करोड़ थी। वहीं, नए SIP रजिस्ट्रेशन फरवरी के 44.56 लाख से घटकर मार्च में 40.18 लाख हो गए।

बढ़ता AUM लेकिन कमजोर निवेश भावना
SIP के जरिये एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) मार्च में ₹13.35 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो फरवरी में ₹12.37 लाख करोड़ था। हालांकि, यह बढ़ोतरी मुख्यतः बाजार में तेजी और मौजूदा निवेशों के प्रदर्शन की वजह से है। नई SIP में गिरावट इस बात की पुष्टि करती है कि दीर्घकालिक निवेश को लेकर निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है।

फोलियो में इजाफा, लेकिन सतर्क निवेशक
मार्च 2025 तक म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या बढ़कर 23.45 करोड़ हो गई, जबकि फरवरी में यह 23.22 करोड़ थी। यह दर्शाता है कि निवेशक बाजार में आ तो रहे हैं, लेकिन नियमित निवेश से पीछे हट रहे हैं।

विश्लेषकों की राय: आर्थिक अनिश्चितता का असर
विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक अनिश्चितता, बाजार अस्थिरता, वैश्विक वित्तीय दबाव और बढ़ती ब्याज दरें SIP में गिरावट के प्रमुख कारण हैं। निवेशक लाभ बुकिंग या पूंजी सुरक्षा के चलते SIP योजनाएं रोक रहे हैं।

लगातार बढ़ता SIP स्टॉपेज अनुपात म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए चेतावनी है। कंपनियों को निवेशकों का भरोसा दोबारा जीतने के लिए जागरूकता अभियान और बेहतर संप्रेषण रणनीति अपनानी होगी।

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