देहरादून, 10 मई: उत्तराखंड सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के छह राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 54 नियमित फैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति की है। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चयनित इन फैकल्टी सदस्यों में 18 प्रोफेसर और 36 एसोसिएट प्रोफेसर शामिल हैं, जिन्हें पहली तैनाती के तौर पर राज्य के विभिन्न कॉलेजों में नियुक्त किया गया है।
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नियुक्तियां पूरी
नव नियुक्त प्रोफेसरों को श्रीनगर, देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और रुद्रपुर के मेडिकल कॉलेजों में भेजा गया है। इनमें सबसे अधिक सात प्रोफेसर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में नियुक्त किए गए हैं। दून मेडिकल कॉलेज को चार, हरिद्वार को तीन, हल्द्वानी को दो तथा अल्मोड़ा और रुद्रपुर को एक-एक प्रोफेसर की तैनाती मिली है। एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर दून मेडिकल कॉलेज में 13, श्रीनगर में 9, हल्द्वानी में 7 और हरिद्वार व रुद्रपुर में एक-एक नियुक्ति हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इन नियुक्तियों को प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था के लिए “सकारात्मक परिवर्तन” बताया। उन्होंने कहा कि अब मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध गतिविधियों में तेजी आएगी। साथ ही, इससे मेडिकल छात्रों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्राप्त होगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।
रिक्त पदों की भरपाई से बढ़ेगी गुणवत्ता
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने लंबे समय से खाली पड़े प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेजा था। चयन बोर्ड ने प्रक्रिया पूरी कर योग्य उम्मीदवारों का चयन किया और अब उनकी तैनाती सुनिश्चित कर दी गई है।
प्रदेश में मेडिकल फैकल्टी की यह नई नियुक्ति चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल मेडिकल छात्रों को लाभ मिलेगा बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं भी सशक्त होंगी, जो आम जनता के लिए राहत की बात है।