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एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद बाजार में हलचल: बोइंग समेत कई एविएशन कंपनियों के शेयर गिरे

Market turmoil after Air India plane crash, Shares of many aviation companies including Boeing fell

मुंबई: एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की खबर ने गुरुवार को शेयर बाजार में भारी हलचल पैदा कर दी। यह विमान, जो बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर मॉडल था, 242 यात्रियों को लेकर लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रहा था। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही यह सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मेघानीनगर क्षेत्र में क्रैश हो गया।

बोइंग के शेयरों में भारी गिरावट

इस दुर्घटना की खबर आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में बोइंग के शेयरों पर तगड़ा असर देखने को मिला। प्रीमार्केट ट्रेडिंग के दौरान कंपनी के शेयर 7.8 फीसदी तक गिर गए और यह 197.3 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। बोइंग ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उन्हें हादसे की शुरुआती जानकारी मिल चुकी है और कंपनी सभी विवरण जुटाने में लगी हुई है।

भारतीय एविएशन शेयर भी दबाव में

इस हादसे का असर भारत के विमानन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों पर भी देखने को मिला। इंडिगो (इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड) के शेयर 3.31 फीसदी टूटकर 5,446.35 रुपये पर बंद हुए, जबकि स्पाइसजेट के शेयर 2.40 फीसदी गिरकर 44.40 रुपये तक पहुंच गए। विशेषज्ञों का मानना है कि दुर्घटना के बाद संभावित सुरक्षा जांच और नई नियामकीय सख्ती की आशंका से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।

अडाणी समूह को भी झटका

अहमदाबाद एयरपोर्ट का संचालन करने वाली अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरों पर भी इस दुर्घटना का असर हुआ। कंपनी के शेयर 1.89 फीसदी गिरकर 2,532.25 रुपये पर आ गए। चूंकि हादसा एयरपोर्ट की परिधि के करीब हुआ, इसलिए सुरक्षा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

DGCA ने शुरू की जांच

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने विमान दुर्घटना की पुष्टि की है और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं। DGCA के अनुसार, एयर इंडिया का यह विमान दोपहर 1:39 बजे रवाना हुआ था और उड़ान भरने के तुरंत बाद तकनीकी खराबी की सूचना दी गई थी। इसके कुछ देर बाद ही विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया और वह एयरपोर्ट की सीमाओं के बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

सुरक्षा मानकों पर फिर उठा सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा मानकों, रखरखाव और आपातकालीन प्रतिक्रिया पर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और विमानन कंपनियों को अब संचालन प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा करनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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