नई दिल्ली: महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। उत्तर मध्य रेलवे ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर यात्री आश्रयों और विश्राम क्षेत्रों के लिए एक व्यवस्थित कलर-कोडिंग योजना शुरू की है, जो श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचने में मदद करेगी।
कलर-कोडिंग प्रणाली: बेहतर नेविगेशन और सुलभता के लिए पहल
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य नेविगेशन को सुव्यवस्थित करना है। अब प्रत्येक यात्री आश्रय को विशिष्ट रंगों में कोडित किया जाएगा, ताकि यात्री आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। उदाहरण के लिए, प्रयागराज जंक्शन पर गेट नंबर 1 पर लाल रंग का आश्रय लखनऊ और वाराणसी की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए होगा, जबकि गेट नंबर 2 पर नीला रंग पंडित दीन दयाल उपाध्याय की दिशा में जाने वालों के लिए होगा। इस तरह के कलर-कोडेड आश्रयों की योजना अन्य प्रमुख स्टेशनों पर भी लागू की गई है।
यात्री सुविधाएं: स्वास्थ्य, भोजन और सुरक्षा सुनिश्चित
इस कलर-कोडिंग प्रणाली के तहत, प्रत्येक आश्रय में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, जैसे चिकित्सा सहायता, चार्जिंग पॉइंट, खाद्य और पेय पदार्थ स्टॉल, और स्वच्छ शौचालय। इसका उद्देश्य न केवल यात्रियों को आरामदायक और सुविधाजनक प्रतीक्षा स्थान देना है, बल्कि उनकी सुरक्षा और समय पर गंतव्य तक आवाजाही सुनिश्चित करना भी है।
कलर-कोडेड टिकट प्रणाली: यात्रियों को सही रास्ता दिखाने के लिए नई पहल
महाकुंभ 2025 के दौरान रेलवे एक नई कलर-कोडेड टिकट प्रणाली भी शुरू करेगा। इस प्रणाली के तहत, प्रत्येक टिकट पर एक विशिष्ट रंग होगा, जो यात्रियों को उनके गंतव्य की दिशा में सही आश्रय और प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में मार्गदर्शन करेगा। इससे यात्रियों को भ्रम से बचने में मदद मिलेगी और भीड़ नियंत्रण में सहूलियत होगी।
महाकुंभ में साइबर सुरक्षा और हाई-टेक निगरानी
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए साइबर सुरक्षा के उपाय भी किए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन खतरों की सक्रिय निगरानी के लिए साइबर विशेषज्ञों की टीम बनाई है। इसके अलावा, एआई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके गिरोहों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
बुनियादी ढांचे और भूमि डिजिटलीकरण: महाकुंभ नगर की नई सुविधाएं
महाकुंभ के लिए नए “महाकुंभ नगर” का विकास तेज़ी से हो रहा है, जिसमें आधुनिक सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इसके अंतर्गत भूमि आवंटन का डिजिटलीकरण, ड्रोन सर्वेक्षण और भूमि स्थलाकृति का मानचित्रण किया गया है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा।
खोया और पाया सेवा: तीर्थयात्रियों के लिए हाई-टेक सुविधा
तीर्थयात्रियों के खो जाने की स्थिति में एक नया ‘खोया और पाया’ पंजीकरण केंद्र स्थापित किया गया है। यह सेवा राज्य पुलिस विभाग के सहयोग से शुरू की गई है, ताकि खोए हुए श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलाया जा सके।
ऑनलाइन ठहरने की बुकिंग: महाकुंभ ग्राम में आरक्षण शुरू
महाकुंभ ग्राम में ठहरने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा 10 जनवरी से शुरू हो रही है। श्रद्धालु IRCTC वेबसाइट के माध्यम से बुकिंग कर सकते हैं, जिससे उन्हें ठहरने की सुविधा आसानी से प्राप्त होगी। अधिक जानकारी IRCTC, पर्यटन विभाग की वेबसाइटों और महाकुंभ मोबाइल एप पर उपलब्ध होगी।
महाकुंभ 2025 के दौरान यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम रेलवे और प्रशासन के द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक है।