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Haryana Elections: AAP को हरियाणा में बड़ा झटका, सभी 90 सीटों पर खाली हाथ, जम्मू-कश्मीर में मिली एकमात्र जीत

AAP suffered a big setback in Haryana, lost all 90 seats, got only one victory in Jammu and Kashmir

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए बेहद अहम थे, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहे। AAP ने सभी 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे और ‘एकला चलो’ की नीति पर चुनाव लड़ा, लेकिन नतीजा यह हुआ कि पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका। चुनाव प्रचार के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल खुद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के तुरंत बाद हरियाणा पहुंचे और जनता से वोट की अपील की, लेकिन पार्टी का प्रदर्शन शून्य पर सिमट गया।

पूरा जोर, लेकिन नतीजा निराशाजनक

AAP के लिए यह दूसरा मौका था जब उन्होंने हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। अरविंद केजरीवाल ने खुद को हरियाणा का बेटा बताते हुए राज्य की जनता से वोट मांगा, और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने बहू बनकर महिलाओं से समर्थन की अपील की। पार्टी ने दिल्ली और पंजाब में सफल फ्री बिजली और अन्य वादों को हरियाणा में भी दोहराया, लेकिन जनता ने इस मॉडल को नकार दिया।

चुनाव प्रचार में पार्टी के बड़े नेता जैसे संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, भगवंत मान और खुद केजरीवाल सक्रिय रहे, लेकिन परिणाम अपेक्षाओं के विपरीत रहे। पार्टी के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा सहित लगभग सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। AAP को राज्य में कुल मतों का 2% से भी कम हिस्सा मिला, जो पार्टी के लिए बड़ा झटका है।

कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं बना

चुनाव से पहले AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चाएं थीं, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। AAP ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पाने के बाद सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा। चुनावी नतीजों के बाद AAP और कांग्रेस के बीच टकराव के आसार भी बढ़ गए हैं। AAP के विधायक नरेश बाल्यान ने कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा पर कटाक्ष करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा, आपका कैसे रहेगा।”

पहले भी रही थी विफलता

2019 के विधानसभा चुनावों में भी AAP का प्रदर्शन हरियाणा में खराब रहा था, जब पार्टी ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी पर प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। इस बार भी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। पार्टी ने इस चुनाव में “केजरीवाल की गारंटी” के तहत कई लोकलुभावन वादे किए, लेकिन परिणामों में इसका असर नहीं दिखा।

जम्मू-कश्मीर में मिली राहत

हरियाणा में भले ही AAP को झटका लगा हो, लेकिन जम्मू-कश्मीर में पार्टी को एकमात्र जीत मिली है। डोडा विधानसभा क्षेत्र में AAP के उम्मीदवार मेहराज मलिक ने भाजपा के गजय सिंह राणा को 4000 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर पार्टी का खाता खोला। यह जीत AAP के लिए थोड़ी राहत की खबर लेकर आई है, लेकिन हरियाणा के नतीजे पार्टी के भविष्य की रणनीति पर सवाल खड़े करते हैं।

हरियाणा में AAP की इस करारी हार के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है और आने वाले चुनावों में किस तरह से मुकाबला करती है।

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