श्रीनगर (गढ़वाल): संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की 2024 परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल कर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र निखिल यादव ने न सिर्फ विश्वविद्यालय, बल्कि पूरे क्षेत्र को गर्व का क्षण प्रदान किया है। निखिल की इस उपलब्धि ने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं को एक नई दिशा और ऊर्जा दी है।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और तैयारी का सफर
निखिल यादव वर्तमान में बीएड पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हैं। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई आईएमई कॉलेज से पूरी की और फिर एमए (राजनीति विज्ञान) की डिग्री ग्लोकल यूनिवर्सिटी, सहारनपुर से प्राप्त की। शिक्षा के प्रति उनकी गहरी रुचि और सतत प्रयासों ने उन्हें देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता दिलाई। निखिल ने अपनी तैयारी के दौरान एक सुनियोजित रणनीति अपनाई और नियमित पढ़ाई को प्राथमिकता दी।
अकादमिक गतिविधियों में भी अग्रणी
निखिल केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहे, बल्कि डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। यहां वे मध्यकालीन भारत का इतिहास पढ़ाते हैं और साथ ही यूपीएससी और राज्य सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों को मार्गदर्शन देते हैं। उनके अनुभव और स्पष्ट दृष्टिकोण से अनेक छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।
इंटरव्यू के कठिन सवालों का शानदार जवाब
निखिल का साक्षात्कार 10 जनवरी 2025 को आयोजित हुआ था, जिसमें उनसे भारत की आंतरिक सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय संबंध, सामाजिक न्याय से जुड़े कानून जैसे अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम, भारतीय और पश्चिमी दर्शन तथा जेट प्रोपल्शन जैसे विषयों पर प्रश्न पूछे गए। निखिल ने आत्मविश्वास के साथ हर सवाल का संतुलित उत्तर दिया, जिससे चयन समिति काफी प्रभावित हुई।
दिल्ली से पहाड़ तक की प्रेरक यात्रा
दिल्ली निवासी निखिल ने उत्तराखंड के श्रीनगर में रहकर अपनी UPSC यात्रा पूरी की। शांत वातावरण और प्रेरणादायक शैक्षिक माहौल ने उन्हें केंद्रित रहने में मदद की। उनकी ऑल इंडिया रैंक 555 रही, जो उनकी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है।
नवोदित छात्रों को संदेश
निखिल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “सफलता के लिए सबसे जरूरी है लक्ष्य का निर्धारण और उस पर पूरी लगन से काम करना। एक ठोस योजना, अनुशासन और निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।” उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को आगे बढ़ाएं।
विश्वविद्यालय में जश्न का माहौल
निखिल की सफलता पर विश्वविद्यालय में उत्साह की लहर है। कुलपति सहित सभी शिक्षकों और अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथी छात्रों ने भी उनकी इस उपलब्धि को गर्व का विषय बताया।
निखिल यादव की यह उपलब्धि बताती है कि यदि कोई छात्र समर्पण, मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़े, तो वह किसी भी कठिन लक्ष्य को हासिल कर सकता है। उनकी कहानी न केवल प्रेरक है, बल्कि यह युवाओं को एक नई राह दिखाने वाली भी है।