भारत में फिर से बढ़े कोरोना के मामले
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं। इस बार कोविड-19 का नया वेरिएंट JN.1 चिंता का कारण बना हुआ है। पिछले कुछ हफ्तों में यह वेरिएंट सिंगापुर, हांगकांग समेत अन्य देशों में तेजी से फैल चुका है और अब भारत में भी इसके कुछ मामले रिपोर्ट किए गए हैं। खासकर महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट रहने और पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में स्थिति सामान्य, लेकिन सतर्कता जरूरी
हालांकि उत्तराखंड में अब तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है, फिर भी राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर सभी जिलों के स्वास्थ्य विभागों को अलर्ट पर रहने को कहा है। राज्य की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर सतर्क रहने और निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए पहले से तैयार रहना जरूरी है।
जारी किए गए हैं ये दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- कोविड-19 के संभावित मरीजों की पहचान के लिए सर्विलांस सिस्टम को फिर से सक्रिय किया जाए।
- लक्षण वाले हर व्यक्ति की जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए।
- पॉजिटिव पाए गए सैंपल्स को होल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए।
- सभी जानकारियों को IHIP (इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन पोर्टल) पर अपलोड किया जाए।
सरकार ने जनता से की अपील
स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल राज्य में किसी तरह की घबराहट की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, हाथों की नियमित सफाई करें और किसी भी तरह के लक्षण जैसे बुखार, खांसी या गले में खराश होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
अंतिम संदेश: सावधानी ही बचाव है
हालांकि कोरोना की वर्तमान स्थिति उत्तराखंड में नियंत्रण में है, फिर भी आने वाले समय में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार हैं। जनता का सहयोग ही इस संक्रमण को रोकने में सबसे बड़ा हथियार है।