दुश्मन देशों ने किया साइबर हमला, भारत रहा पूरी तरह सतर्क
ऑपरेशन सिंदूर के चलते जहां सीमाओं पर सैन्य गतिविधियां तेज थीं, वहीं साइबर स्पेस में भी भारत को एक नई जंग का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान और उसके सहयोगी हैकर समूहों ने भारत के महत्वपूर्ण सरकारी और रक्षा नेटवर्क को निशाना बनाने की कोशिश की। इन साइबर हमलों का उद्देश्य था – डेटा चुराना, सिस्टम ठप करना और देश में भ्रम फैलाना।
देशभक्त हैकरों ने दिखाया दम, रचा साइबर विजय का इतिहास
जैसे ही इन हमलों की भनक प्रो-इंडिया हैकर समुदाय को लगी, उन्होंने मोर्चा संभाल लिया। रेड फायर टीम, ब्लैक कोडर्स इंडिया और डिजिटल वीर जैसे संगठनों ने साइबर वॉर मोड में आते हुए दुश्मन की वेबसाइट्स और सर्वरों को टारगेट करना शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप, कई दुश्मन डिजिटल सिस्टम कुछ घंटों के लिए ठप हो गए।
साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने की लाइव मॉनिटरिंग
भारत की सरकारी साइबर एजेंसियां – विशेष रूप से CERT-IN और रक्षा मंत्रालय की साइबर यूनिट – इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सक्रिय रहीं। रीयल टाइम एनालिसिस और फायरवॉल्स की मदद से हजारों हैकिंग अटैम्प्ट्स को विफल किया गया। इसके साथ ही कई फिशिंग वेबसाइट्स को ब्लॉक कर आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
जवाबी साइबर हमला बना उदाहरण
भारत के प्रो-इंडिया हैकर्स ने आक्रामक रणनीति अपनाते हुए न केवल हमलों को रोका, बल्कि जवाबी साइबर ऑपरेशन चलाकर दुश्मन के डार्क वेब नेटवर्क्स और प्रोपेगेंडा पेजों को निष्क्रिय कर दिया। सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियानों को भी बॉट डिटेक्शन सिस्टम से ट्रैक कर रोका गया।
साइबर फ्रंट पर दिखी ‘डिजिटल भारत’ की ताकत
ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर पूरी तरह तैयार है। जहां पहले साइबर हमले केवल सरकारी एजेंसियों की चिंता हुआ करते थे, अब देशभक्त तकनीकी युवाओं की भागीदारी से भारत एक सशक्त साइबर राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।