हैदराबाद से शुरू हुआ नया चिकित्सा इतिहास
भारत की अग्रणी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी भारत बायोटेक ने एक और चिकित्सा सफलता दर्ज की है। कंपनी द्वारा विकसित की गई मौखिक हैजा वैक्सीन ‘हिलकोल’ ने अपने तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में शानदार परिणाम दिए हैं। यह वैक्सीन हैजा के दो प्रमुख सीरोटाइप—ओगावा और इनाबा—के खिलाफ प्रभावी पाई गई है। अब यह वैक्सीन वयस्कों के साथ-साथ बच्चों को भी इस घातक बीमारी से बचाने में सक्षम होगी।
बिना सुई का टीका, सभी आयु वर्ग के लिए सुरक्षित
‘हिलकोल’ एक ओरल कोलेरा वैक्सीन (OCV) है, जो बिना किसी सुई के मौखिक रूप से दी जाती है। देशभर में दस अलग-अलग स्थानों पर हुए ट्रायल में लगभग 1800 प्रतिभागियों को यह टीका दिया गया, जिनमें किसी भी व्यक्ति को गंभीर दुष्प्रभाव नहीं हुआ। यह टीका न केवल सुरक्षित है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी असरदार साबित हुआ है।
वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित डेटा, नियामकीय मंजूरी की प्रतीक्षा
हिलकोल के ट्रायल से जुड़े नतीजे प्रतिष्ठित जर्नल ‘वैक्सीन’ (साइंसडायरेक्ट) में प्रकाशित हुए हैं, जिससे इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता को बल मिला है। अब यह डेटा नियामक एजेंसियों को सौंपा जा चुका है, और वैक्सीन को अंतिम मंजूरी मिलने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।
वैश्विक स्तर पर हैजा से लड़ने का सस्ता समाधान
हैजा एक तेज़ी से फैलने वाला संक्रामक रोग है, जिससे हर साल दुनिया में लगभग 28 लाख लोग प्रभावित होते हैं और 95,000 से अधिक मौतें होती हैं। वर्तमान में, वैश्विक स्तर पर ओरल वैक्सीन की भारी मांग है, लेकिन उत्पादन सीमित होने से इसकी आपूर्ति चुनौती बनी हुई है। भारत बायोटेक अब हैदराबाद और भुवनेश्वर स्थित अपने संयंत्रों में सालाना 20 करोड़ खुराक का उत्पादन करने की योजना बना रही है।
विकासशील देशों के लिए वरदान साबित होगा हिलकोल
कंपनी के चेयरमैन डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि “हिलकोल जैसे किफायती और असरदार टीके विकासशील देशों में स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए वरदान साबित होंगे।” मौखिक रूप से दिए जाने के कारण यह टीका जन-साधारण तक पहुंचाना आसान होगा।
भारत बायोटेक की वैश्विक पहचान और वैज्ञानिक क्षमता
भारत बायोटेक के पास अब तक 145 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट, 19 से ज्यादा टीके और 125 देशों में उत्पाद पंजीकरण की मान्यता है। यह WHO द्वारा प्री-क्वालिफाइड भी है और अब तक 9 अरब से अधिक खुराकें दुनिया भर में वितरित कर चुकी है।
स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक निर्णायक कदम
‘हिलकोल’ की सफलता के साथ भारत ने एक बार फिर साबित किया है कि वह वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान देने में अग्रणी है। इस वैक्सीन की उपलब्धता भविष्य में लाखों लोगों को हैजा से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।