नई दिल्ली: भारत और जापान के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और गहरा करने के लिए आज नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री जनरल नकातानी के बीच यह द्विपक्षीय वार्ता भारत-जापान के रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देने का कार्य करेगी। इस बैठक में आंतरिक और बाह्य सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता, और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग जैसे प्रमुख मुद्दों पर मंथन होगा।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर साझा दृष्टिकोण
दोनों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और स्थायित्व को लेकर एक समान दृष्टिकोण है। इसी कारण, यह क्षेत्रीय सहयोग भारत-जापान रक्षा साझेदारी का एक महत्वपूर्ण आधार बन चुका है। इस वार्ता में इस क्षेत्र में साझा सैन्य अभ्यास, समुद्री सुरक्षा और उभरते खतरों को लेकर योजनाएं बनाई जा सकती हैं।
द्विपक्षीय रिश्तों में तेजी
भारत और जापान की मित्रता समय के साथ और अधिक मजबूत हुई है। वर्ष 2014 में दोनों देशों ने अपने रिश्तों को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का दर्जा दिया था। तब से अब तक रक्षा और तकनीकी सहयोग में लगातार बढ़ोत्तरी देखी गई है। यह बैठक इस सहयोग को और आगे ले जाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
दूसरी बार आमने-सामने हो रहे हैं दोनों मंत्री
राजनाथ सिंह और जनरल नकातानी छह महीने के भीतर दूसरी बार आमने-सामने बैठेंगे। इससे पहले नवंबर 2024 में दोनों नेताओं की मुलाकात लाओ पीडीआर में ADMM-Plus सम्मेलन के दौरान हुई थी, जहां पर रक्षा और क्षेत्रीय मुद्दों पर सार्थक चर्चा की गई थी।
आतंकवाद पर भी होगी चर्चा
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक बार फिर तनाव ला दिया है। ऐसे में इस बैठक में आतंकवाद और क्षेत्रीय अस्थिरता पर भी गंभीरता से चर्चा होने की संभावना है।