देहरादून, 5 जून 2025: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एक अभूतपूर्व स्वच्छता अभियान का आयोजन हुआ, जिसने हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता की एक नई मिसाल कायम की। वेस्ट वॉरियर्स संस्था की अगुवाई में यह अभियान चला, जिसमें 7000 से अधिक स्वयंसेवकों ने मिलकर 7000 किलोग्राम से ज्यादा कचरे को हटाया।
यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक जन-जागरण आंदोलन भी बन गया, जिसमें समाज के हर वर्ग से लोग जुड़े। अभियान के दौरान न केवल शहरी इलाकों बल्कि दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में भी सफाई की गई, जिससे यह पहल वृहद स्तर पर प्रभावशाली रही।
देहरादून बना प्रेरणा का केंद्र
राजधानी देहरादून इस अभियान का मुख्य केंद्र रहा, जहां 4500 किलोग्राम से अधिक कचरा एकत्रित किया गया। सफाई अभियान विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया, जिनमें FRI परिसर, शिमला बायपास रोड, टपकेश्वर मंदिर, जोहरी गांव, और क्लेमनटाउन शामिल थे। इन स्थानों पर वेस्ट वॉरियर्स के साथ-साथ स्थानीय स्कूल, कॉलेज, समुदायिक संगठन और NCC कैडेट्स ने भी योगदान दिया।
पिथौरागढ़ और डीडीहाट से युवाओं की पहल
पिथौरागढ़ और डीडीहाट जैसे सीमावर्ती इलाकों में यह सफाई अभियान अनकित जयाल और हंसा पन्नू के नेतृत्व में संचालित हुआ। इन युवा पर्यावरणप्रेमियों की प्रेरणा से सैकड़ों स्थानीय स्वयंसेवकों ने घाटियों, मंदिरों और पर्यटक स्थलों पर सफाई कर अपने क्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाने में सहयोग दिया।
राज्य भर में चला स्वच्छता अभियान
देहरादून के अलावा उत्तराखंड के अन्य हिस्सों जैसे कैंपटी फॉल्स (मसूरी), गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वन्यजीव क्षेत्र, आसन बैराज, नीलकंठ मंदिर (ऋषिकेश) और मनसा देवी (हरिद्वार) में भी अभियान चलाया गया। वहीं हिमाचल प्रदेश में शिमला, धर्मशाला, और आसपास के क्षेत्रों में लोगों ने स्वेच्छा से भाग लिया।
सामूहिक प्रयासों से बना इतिहास
इस ऐतिहासिक सफाई अभियान में पुलिस, वन विभाग, महिला समूह, स्थानीय नगर निकाय, NGO, धार्मिक संगठन और आम जनता सभी शामिल हुए। इस भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब समाज एकजुट होता है, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
वेस्ट वॉरियर्स संस्था का उद्देश्य है हिमालयी क्षेत्रों में विकेन्द्रीकृत कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को स्थापित करना और आम लोगों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना जगाना।
निष्कर्ष
विश्व पर्यावरण दिवस पर चलाए गए इस अभूतपूर्व स्वच्छता अभियान ने न केवल हिमालयी राज्यों को स्वच्छता की ओर अग्रसर किया, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना। यह आंदोलन अब केवल सफाई तक सीमित नहीं, बल्कि पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक बन गया है।
मीडिया संपर्क:
अवदेश पुंडीर
वेस्ट वॉरियर्स सोसाइटी
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