देहरादून: भारत-पाकिस्तान के हालिया तनाव और मॉक ड्रिल के अनुभवों को देखते हुए देहरादून जिला प्रशासन ने शहर की आपातकालीन चेतावनी प्रणाली को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। प्रशासन द्वारा 15 आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सायरन लगाने की योजना बनाई गई है, जिनकी आवाज काफी दूर तक सुनाई देगी। इन सायरनों की खरीद और स्थापना के लिए 25 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।
मॉक ड्रिल के दौरान कम आवाज बनी चिंता का विषय
8 मई को देहरादून में आयोजित मॉक ड्रिल के दौरान सायरनों की आवाज दूर तक नहीं पहुंच पा रही थी, जिससे कई इलाकों में लोग सतर्क नहीं हो पाए। यह परीक्षण आराघर चौकी, धारा चौकी, एमडीडीए कॉलोनी, आईएसबीटी और डीएम ऑफिस जैसे स्थानों पर किया गया था। परीक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि वर्तमान सायरनों की आवाज क्षमता सीमित है, जिसके चलते इनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठे।
नई व्यवस्था में तकनीक और दूरी दोनों बेहतर
अब लगाए जाने वाले 15 सायरनों में से 10 की साउंड रेंज 8 किलोमीटर तक होगी, जबकि 5 हाई-पावर सायरन 16 किलोमीटर तक की चेतावनी देने में सक्षम होंगे। ये सभी सायरन एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़े जाएंगे, जिससे एक साथ सभी को एक्टिवेट किया जा सकेगा। यह व्यवस्था न केवल सैन्य आपात स्थिति, बल्कि भूकंप, बाढ़, आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी आम जनता को अलर्ट करने के लिए कारगर होगी।
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि यह राशि अनटाइड फंड से स्वीकृत की गई है और क्रय आदेश जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही सायरनों की खरीद प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और इन्हें पुलिस चौकियों व अन्य प्रमुख स्थानों पर लगाया जाएगा। सायरनों के साथ-साथ अन्य अलर्ट व्यवस्थाएं भी अपडेट की जाएंगी।
सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम
देहरादून जैसे शहर में जहां जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और आपदाओं की आशंका बनी रहती है, वहां इस प्रकार की एडवांस अलर्ट प्रणाली जन सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। इससे समय रहते लोगों को चेतावनी दी जा सकेगी और नुकसान को काफी हद तक टाला जा सकेगा।