धनतेरस का पर्व दीपावली की शुरुआत का प्रतीक है, और इसे भगवान धन्वंतरि एवं देवी लक्ष्मी के पूजन से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना से पूजा करते हैं और खास तौर से नए बर्तन, सोना-चांदी या धातु की वस्तुएँ खरीदते हैं। इसके साथ ही, धनतेरस पर पारंपरिक मिठाई का विशेष महत्व है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
धनतेरस पर मिठाई का महत्व
धनतेरस के दिन सुबह-सुबह पारंपरिक मिठाई से दिन की शुरुआत करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस मिठाई का सेवन करने से घर में धन, सुख-शांति, और समृद्धि का आगमन होता है। पारंपरिक रूप से शहद, दालचीनी और इलायची से बनी मिठाई विशेष मानी जाती है, क्योंकि इनके गुण व्यक्ति और परिवार के लिए सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य लाने में सहायक होते हैं।
इस मिठाई के मुख्य घटक और उनके लाभ:
1. शहद: एक प्राकृतिक स्वीटनर है जो न केवल स्वादिष्ट है बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। आयुर्वेद में शहद का उपयोग कई रोगों के उपचार में होता है, और यह सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के साथ समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है।
2. दालचीनी: इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके गुणों से शरीर का परिसंचरण तंत्र सक्रिय होता है और यह स्वास्थ्य में सुधार करती है। दालचीनी के गर्माहट भरे गुण धन और समृद्धि को आकर्षित करने में सहायक माने जाते हैं।
3. इलायची: सौभाग्य और सफलता का प्रतीक मानी जाने वाली इलायची का उपयोग अक्सर धार्मिक और शुभ कार्यों में किया जाता है। यह न केवल मिठाई को स्वादिष्ट बनाती है बल्कि सकारात्मकता का संचार भी करती है।
इस मिठाई को बनाने और खाने के तरीके
धनतेरस के दिन सुबह शहद में थोड़ी सी दालचीनी और इलायची के दाने मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसे घर के सभी सदस्यों को खिलाने से घर में खुशियाँ, अच्छा स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह मिश्रण शुक्र और मंगल ग्रह की स्थिति को सुधारने में सहायक होता है, जो व्यक्तिगत उन्नति और धन लाभ का कारक माना जाता है।
अन्य उपाय
धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन, नए कपड़े या अन्य धातुओं की वस्तुएँ खरीदना शुभ माना जाता है। यह न केवल समृद्धि का प्रतीक है बल्कि इसे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में सहायक भी माना गया है।
धनतेरस का यह पवित्र दिन और इसके उपाय न केवल भौतिक समृद्धि बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देने का संदेश देते हैं।