हरिद्वार: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने के बाद राज्य में सामाजिक बदलाव की बयार महसूस की जा रही है। खास तौर पर हरिद्वार में इसका सबसे दिलचस्प असर देखने को मिला है, जहां लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों की लंबी कतारें रजिस्ट्रेशन दफ्तरों के बाहर देखी जा रही हैं।
UCC के तहत राज्य में लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। अब बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी जोड़े को साथ रहने की अनुमति नहीं होगी। इस नियम के लागू होते ही हरिद्वार में युवाओं, प्रेमी जोड़ों और लिव-इन पार्टनर्स की भीड़ रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उमड़ पड़ी है।
लिव-इन जोड़ों में दिखा उत्साह, समाज से मिली राहत
हरिद्वार के रजिस्ट्रेशन कार्यालयों में युवा जोड़ों की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि अब लोग बिना किसी सामाजिक दबाव के अपने रिश्तों को कानूनी मान्यता दिलाना चाहते हैं। कई प्रेमी जोड़ों ने कहा कि यह कानून उनके रिश्ते को सुरक्षा और अधिकार देगा।
स्वाति और रोहित, जो पिछले तीन साल से लिव-इन में रह रहे हैं, अब जाकर रजिस्ट्रेशन करवाने पहुंचे। स्वाति कहती हैं, “अब हमें किसी से छुपाने की जरूरत नहीं है। UCC ने हमें एक कानूनी ढांचा दिया है जिसमें हमारा रिश्ता सुरक्षित रहेगा।”
रजिस्ट्रेशन ऑफिसों में बढ़ा दबाव
हरिद्वार के उप-जिला अधिकारी (SDM) ने बताया कि पिछले दो दिनों में 100 से ज्यादा आवेदन केवल लिव-इन रिलेशनशिप रजिस्ट्रेशन के लिए आए हैं। आमतौर पर ऐसे मामलों की संख्या न के बराबर रहती थी, लेकिन UCC लागू होने के बाद इसमें अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
दफ्तरों में अतिरिक्त स्टाफ लगाया गया है ताकि बढ़ती भीड़ को संभाला जा सके। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से सुगम बनाया गया है।
UCC के प्रावधान और कानूनी पक्ष
UCC के तहत अब 18 वर्ष से ऊपर के पुरुष और 18 वर्ष से ऊपर की महिला यदि आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं, तो उन्हें यह रिलेशनशिप विधिवत रजिस्टर्ड कराना होगा। इसके लिए पहचान पत्र, निवास प्रमाणपत्र और दोनों की सहमति से किया गया संयुक्त आवेदन जरूरी होगा।
रजिस्ट्रेशन न कराने पर कानून के तहत जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। साथ ही, अगर किसी रिश्ते में धोखाधड़ी, हिंसा या शोषण होता है, तो पीड़ित पक्ष को कानून के तहत अधिकार और सहायता मिल सकेगी।
सामाजिक सोच में बदलाव
हरिद्वार जैसे धार्मिक और परंपरागत शहर में इस तरह का परिवर्तन समाज में बदलती मानसिकता का संकेत भी देता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि लिव-इन को कानूनी दायरे में लाकर सरकार ने नए युग की रिश्तों की संरचना को स्वीकार किया है, जो युवा पीढ़ी को न केवल स्वतंत्रता देता है बल्कि सुरक्षा भी प्रदान करता है।