देहरादून: पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI), देहरादून चैप्टर ने रविवार को “साइबर क्राइम और भ्रामक सूचनाएं: चुनौतियां और समाधान” विषय पर एक राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बढ़ते साइबर अपराध और भ्रामक सूचनाओं की समस्या पर जागरूकता बढ़ाना और समाधान के उपाय खोजना था।
मुख्य अतिथि, सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नितिन उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी सूचना को साझा करने से पहले विचार करना आवश्यक है। उन्होंने “थिंक बिफोर यू शेयर” के साथ-साथ “थिंक बिफोर यू केयर” की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। उन्होंने भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए AAA प्लान का सुझाव दिया, जिसमें अवेयरनेस (जागरूकता), एडवोकेसी (सही नीतियों के लिए पहल), और एक्शन (भ्रामक सूचनाओं को समाप्त करने के प्रयास) शामिल हैं।
कार्यक्रम में उप पुलिस अधीक्षक, साइबर क्राइम स्टेशन श्री अंकुश मिश्रा ने साइबर अपराध से बचने के उपाय बताए। उन्होंने राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 के उपयोग पर जोर दिया, जहां नागरिक ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। श्री मिश्रा ने डीप फेक, सिम अपग्रेडेशन फ्रॉड, फिशिंग, बायोमेट्रिक डेटा चोरी, और नकली क्यूआर कोड जैसे साइबर अपराधों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
श्री मिश्रा ने उत्तराखंड पुलिस की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे उन्होंने साइबर अपराधियों को ट्रेस कर कई मामलों में त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे अपनी बायोमेट्रिक जानकारी को सुरक्षित रखें, अज्ञात लिंक न खोलें, और संदिग्ध कॉल्स से सतर्क रहें।
टीएचडीसी के सहायक प्रबंधक, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, श्री ईशान भूषण ने बिग डेटा और सूचनाओं के सोर्स की पहचान के लिए तकनीकी उपकरणों के उपयोग पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के कारण लोग अधिक जोखिम में हैं, और सजगता बनाए रखना जरूरी है।
PRSI देहरादून के अध्यक्ष रवि बिजारणियां ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य जनजागरूकता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी समाज के हित में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग, मीडिया प्रतिनिधि, और PRSI के सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा ने किया। सभी वक्ताओं ने जागरूकता और सतर्कता के महत्व को रेखांकित किया।