नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली एक बार फिर प्रदूषण के चपेट में है और हवा की गुणवत्ता लगातार खतरनाक स्तर पर बनी हुई है। आईक्यू एयर संस्था की World Air Quality Index (AQI) रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई 512 दर्ज किया गया, जिससे यह विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बन गया।
विश्व के प्रदूषित शहरों की सूची में भारत के दो शहर शामिल
- दिल्ली ने सबसे प्रदूषित शहरों में पहला स्थान हासिल किया है।
- कोलकाता ने आठवां स्थान हासिल किया, जबकि मुंबई भी 11वें पायदान पर रहा।
- पाकिस्तान का लाहौर दूसरे स्थान (AQI 270) पर है।
टॉप 10 प्रदूषित शहरों में शामिल अन्य शहर:
साराजेवो (बोस्निया), ढाका (बांग्लादेश), हनोई (वियतनाम), उलानबातर (मंगोलिया), कराची (पाकिस्तान), रियाध (सऊदी अरब) और कंपाला (युगांडा)।
GRAP 4 लागू, सख्त प्रतिबंधों के बावजूद हालात गंभीर
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत:
- BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल के वाहनों पर प्रतिबंध।
- कूड़ा जलाने और धूल उड़ाने पर कड़ी कार्रवाई।
- दिल्ली सरकार की टीमें नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगा रही हैं।
NCR भी गैस चैंबर में तब्दील
दिल्ली के साथ-साथ गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर रेड और डार्क रेड जोन में पहुंच चुका है।
- नोएडा और गाजियाबाद का एक्यूआई ‘रेड जोन’ में है।
- ग्रेटर नोएडा में स्थिति और खराब है।
- जहरीली हवा के चलते अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
सुबह मॉर्निंग वॉक और स्कूलों पर असर
- दिल्ली और NCR के पार्कों में सुबह मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग गायब हो गए हैं।
- कई स्कूलों में बढ़ते प्रदूषण के कारण मॉर्निंग असेंबली स्थगित कर दी गई है।
- अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से बच रहे हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड बढ़ने और हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण का स्तर और खराब हो सकता है। दिल्ली-NCR की जहरीली हवा खासकर सांस और हृदय के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है।
साफ हवा की उम्मीद फिलहाल धुंधलाती नजर आ रही है, क्योंकि राजधानी का हर कोना खतरनाक प्रदूषण की चपेट में है।