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“डी गुकेश बने सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन, इनकम टैक्स कटौती पर हुई चर्चा”

"D Gukesh becomes the youngest world chess champion, income tax cuts discussed"

नई दिल्ली: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सिंगापुर में खेले गए फाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर नया इतिहास रच दिया। वह विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। इस शानदार उपलब्धि से पूरे देश में जश्न का माहौल है।

गुकेश ने 11.34 करोड़ रुपये की इनामी राशि अर्जित की, लेकिन जीत के बाद प्राइज मनी पर भारी-भरकम इनकम टैक्स कटौती को लेकर चर्चा शुरू हो गई।

कैसे हुई प्राइज मनी की गणना?

  • टूर्नामेंट का कुल पुरस्कार पूल ₹21 करोड़ था।
  • FIDE नियमों के अनुसार, प्रत्येक मैच की जीत पर खिलाड़ियों को लगभग ₹1.68 करोड़ दिए जाते हैं।
  • गुकेश ने तीन जीत के साथ ₹5.04 करोड़ कमाए।
  • शेष राशि फाइनलिस्टों के बीच समान रूप से विभाजित की गई, जिससे गुकेश की कुल कमाई ₹11.34 करोड़ हुई।

42.744% इनकम टैक्स कटौती पर चिंता

टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 194बी के तहत, खेलों से जीतने वाली रकम पर 42.744% टीडीएस काटा जाता है। इसका मतलब यह है कि गुकेश को अपनी प्राइज मनी से लगभग ₹4.67 करोड़ टैक्स के रूप में चुकाने होंगे।

टैक्स विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर ने बताया कि यह दरें अन्य देशों, जैसे अमेरिका की तुलना में अधिक हैं, जहां अधिकतम टैक्स दर 37% है।
विशेष रूप से, यह कर राशि एमएस धोनी की आगामी आईपीएल सैलरी ₹4 करोड़ से भी अधिक है, जिसने कई नेटिज़न्स को हैरान कर दिया।

युवा विश्व चैंपियन डी गुकेश की इस उपलब्धि ने भारतीय खेल जगत में एक नई प्रेरणा जगाई है, लेकिन भारी कर कटौती ने इनामी राशि की उपयोगिता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।

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