वृद्धाश्रम में रह रहीं पुष्पा मुंजियाल ने जताई मुलाकात की इच्छा
देहरादून के प्रेम धाम वृद्धाश्रम में रहने वाली 81 वर्षीय पुष्पा मुंजियाल ने अपनी 50 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और सोने के गहनों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सौंपने की इच्छा जताई है। पुष्पा, जिनकी आंखों की रोशनी नहीं है, राहुल गांधी को अपनी संपत्ति का वारिस बना चुकी हैं और उनसे मिलने की बाट जोह रही हैं।
पुष्पा मुंजियाल: समाज सेवा में समर्पित जीवन
पुष्पा ने अपनी जिंदगी समाज सेवा को समर्पित की है। विवाह नहीं करने वाली पुष्पा ने गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज, खुड़बुड़ा में शिक्षिका के रूप में काम किया और 1999 में सेवानिवृत्त हुईं। उनके माता-पिता के गुजरने के बाद वह वृद्धाश्रम में रहने लगीं। पुष्पा का कहना है कि उनके चार बहनें हैं, लेकिन उनसे कोई संबंध नहीं है। उनके भाई की भी कैंसर से मृत्यु हो चुकी है।
राहुल गांधी से पारिवारिक संबंधों का हवाला
पुष्पा ने राहुल गांधी को अपनी संपत्ति सौंपने के पीछे उनके विचारों और परिवार से पुराने संबंधों का जिक्र किया। उनका कहना है, “राहुल गांधी खानदानी परिवार से हैं और उनके विचारों ने मुझे प्रभावित किया है। यही वजह है कि मैंने उन्हें अपनी संपत्ति का उत्तराधिकारी चुना।” उन्होंने बताया कि 2022 में उन्होंने अपनी संपत्ति का वसीयतनामा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को सौंपा था।
समाज सेवा में अग्रणी: पहले भी कर चुकी हैं दान
पुष्पा मुंजियाल समाज सेवा के लिए पहले भी अपनी संपत्ति दान कर चुकी हैं। 2011 में उन्होंने 25 लाख रुपये दून अस्पताल को दान दिए थे, जिसमें शर्त थी कि यह राशि मूल रूप में सुरक्षित रहेगी और ब्याज से मरीजों की मदद की जाएगी।
समाजसेवियों से मिलकर हुई भावुक
हाल ही में समाजसेवी नंदिता पोखरियाल ने वृद्धाश्रम का दौरा किया और पुष्पा सहित अन्य बुजुर्गों के साथ समय बिताया। नंदिता ने कहा कि आश्रम में बुजुर्ग अपने परिवार से कटकर एक-दूसरे के साथ एक परिवार की तरह जीवन जी रहे हैं। उन्होंने पुष्पा की राहुल गांधी से मिलने की इच्छा को सुना और इसे अद्वितीय बताया।
विरासत और प्रेरणा का प्रतीक बनीं पुष्पा मुंजियाल
पुष्पा मुंजियाल की कहानी न केवल समाज सेवा की मिसाल है, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है कि अपने जीवन की बचत को सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करना कितना महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी से मिलने की उनकी चाह और संपत्ति को सही हाथों में सौंपने की उनकी सोच समाज के लिए एक प्रेरक संदेश देती है।