देहरादून: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इसका सीधा असर उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित चारधाम यात्रा पर भी देखा जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता मानते हुए इस बार यात्रा मार्गों से लेकर मंदिर परिसरों तक सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं।
चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हो रही है। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। अभी तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख पार करने की उम्मीद जताई जा रही है।
अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात, आतंकी खतरे को लेकर चौकसी
उत्तराखंड पुलिस ने कश्मीर हमले को देखते हुए सुरक्षा इंतजामों को नई ऊंचाई दी है। चारधाम यात्रा मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल और आधुनिक सुरक्षा तकनीकें लगाई गई हैं। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से 10 कंपनियां पैरामिलिट्री फोर्स की मांग की है, जिनमें से 6 चारधाम में और 4 कुमाऊं क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर तैनात की जाएंगी।
चारधाम सुरक्षा व्यवस्था के तहत:
- 6 हजार पुलिस जवान यात्रा मार्गों पर तैनात किए गए हैं।
- PAC की 17 कंपनियां लगाई गई हैं।
- एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की टीमें चारों धामों में सक्रिय रहेंगी।
- SDRF की 63 पोस्ट किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रखी गई हैं।
विस्तृत तैनाती का प्लान
उत्तराखंड पुलिस द्वारा किए गए इंतजामों में शामिल हैं:
- 24 पुलिस उपाधीक्षक
- 66 निरीक्षक
- 366 उपनिरीक्षक
- 615 हेड कांस्टेबल
- 1222 कांस्टेबल
- 208 महिला कांस्टेबल
- 926 होमगार्ड
- 1049 पीआरडी जवान
- 26 एसडीआरएफ की सब-टीमें
सरकार ने दिया भरोसा, इंश्योरेंस का भी इंतजाम
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि सुरक्षा को लेकर पुलिस महानिदेशक और गढ़वाल कमिश्नर को विशेष निर्देश दिए गए हैं। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में श्रद्धालुओं को नुकसान का पूरा मुआवजा इंश्योरेंस कंपनी द्वारा देने का प्रावधान भी किया गया है।
इस बार की चारधाम यात्रा न केवल श्रद्धा की, बल्कि सुरक्षा और व्यवस्था की दृष्टि से भी मिसाल बनने जा रही है।