नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नई प्रणाली के तहत छात्रों को दो प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ अंकों को चुनने का विकल्प मिलेगा, जिससे परीक्षा का दबाव कम होगा और सफलता दर बढ़ेगी।
CBSE ने जारी किया मसौदा, 9 मार्च तक मांगी गई राय
CBSE ने इस नई परीक्षा प्रणाली का मसौदा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया है। हितधारकों—छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूलों—को 9 मार्च तक अपनी प्रतिक्रिया देने का मौका दिया गया है। इसके बाद सुझावों के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
कैसे होगी नई परीक्षा प्रणाली?
- पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच।
- दूसरी परीक्षा: 5 से 20 मई के बीच।
- दोनों परीक्षाएं पूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी।
- छात्रों को एक ही परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा।
- बेहतर प्रदर्शन के लिए दूसरी परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा।
- बढ़े हुए परीक्षा शुल्क का भुगतान आवेदन के समय करना होगा।
छात्रों को अधिक लचीलापन और कम दबाव
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस नई प्रणाली से छात्रों को अपनी पसंद के अनुसार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा और परीक्षा का दबाव कम होगा। साथ ही, बोर्ड भविष्य में वार्षिक, सेमेस्टर या मॉड्यूलर परीक्षा प्रणाली पर भी विचार कर सकता है।
CBSE ने हितधारकों से मांगे सुझाव
CBSE ने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया है कि वे इस नई नीति पर अपनी राय दें। बोर्ड परीक्षा प्रणाली में यह बदलाव छात्रों की क्षमताओं का बेहतर आकलन करने और कोचिंग निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
2026 से लागू होगी नई परीक्षा प्रणाली
CBSE ने स्पष्ट किया है कि यह नई प्रणाली 2026 सत्र से प्रभावी होगी। इससे छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने और अपनी योग्यता साबित करने का अतिरिक्त अवसर मिलेगा।