नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में एक बड़े वित्तीय घोटाले से जुड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी मामले की जांच के तहत 10 स्थानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में सीबीआई ने 10 लोगों के परिसरों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और वित्तीय रिकॉर्ड सहित कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जब्त किए।
सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार, इस जांच में पाया गया है कि अपराधी डिजिटल प्लेटफार्मों और वेबसाइटों का इस्तेमाल करके भारत में लोगों को निशाना बना रहे थे। आरोपित पार्ट-टाइम जॉब स्कैम, कार्य-आधारित धोखाधड़ी और हाई रिटर्न के वादों के जरिये व्यक्तियों को धोखा दे रहे थे।
अब तक की जांच से यह भी सामने आया है कि धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए गए धन को ‘मूल खाता’ (mule accounts) के नेटवर्क के माध्यम से तेजी से स्थानांतरित किया जाता था। इससे पहले, 1 जनवरी से 17 अक्टूबर 2023 के बीच 3,903 शिकायतों के विश्लेषण से यह भी पता चला कि धोखाधड़ी के जरिए 117 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। इन धनराशियों का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और अंतरराष्ट्रीय भुगतान नेटवर्क के जरिए विदेशों में भेजने के लिए किया गया।
सीबीआई ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।