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भारत में ग्रामीण गरीबी में ऐतिहासिक कमी, एसबीआई रिपोर्ट में खुलासा

Historical reduction in rural poverty in India, SBI report reveals

नई दिल्ली: भारत में पहली बार ऐतिहासिक रूप से गांवों में गरीबी में तेजी से कमी आई है, और यह एक साल के भीतर 5 फीसदी से नीचे आ गई है। एसबीआई रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में ग्रामीण गरीबी 4.86 फीसदी तक घट जाएगी, जो पिछले साल 7.2 फीसदी थी। 2011-12 में यह आंकड़ा 25.7 फीसदी था, जो अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।

ग्रामीण और शहरी गरीबी में कमी का कारण क्या रहा?

एसबीआई रिसर्च ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 में शहरी क्षेत्रों में गरीबी में गिरावट धीमी रही, जो 4.09 फीसदी तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल यह 4.60 फीसदी थी। रिपोर्ट में ग्रामीण गरीबी में तेजी से कमी का श्रेय निम्न आय वर्ग के बीच खपत वृद्धि और मजबूत सरकारी समर्थन को दिया गया है।

ग्रामीण खर्च में वृद्धि से मिली मदद

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण खर्च में तीव्र वृद्धि ने भारत के ग्रामीण गरीबी अनुपात को कम करने में मदद की। यह वृद्धि विशेष रूप से सरकार द्वारा किए गए विभिन्न विकासात्मक प्रयासों और योजनाओं का परिणाम है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की गईं।

भारत की कुल गरीबी दर 4-4.5 फीसदी के बीच

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत की समग्र गरीबी दर अब 4-4.5 फीसदी के दायरे में हो सकती है, जिसमें अत्यधिक गरीबी का अस्तित्व लगभग न्यूनतम होगा। यह आंकड़ा जनगणना के बाद और अधिक स्पष्ट हो सकता है, जब ग्रामीण और शहरी आबादी के नए आंकड़े प्रकाशित होंगे।

ग्रामीण-शहरी उपभोग में अंतर घटा

2023-24 में ग्रामीण-शहरी उपभोग के बीच का अंतर भी कम हुआ है। पिछले वर्ष यह अंतर 71.2 फीसदी था, जबकि एक दशक पहले यह 83.9 फीसदी था। अब यह घटकर 69.7 फीसदी हो गया है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान उपभोग की ओर बढ़ते संकेत हैं।

निष्कर्ष:

एसबीआई की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत में गरीबी उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। सरकार की योजनाओं और ग्रामीण खर्च में वृद्धि के कारण यह बदलाव संभव हुआ है। भारत अब गरीबी के स्तर में और अधिक सुधार के लिए तैयार है।

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