नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ती बीमारियों के बीच विटामिन बी12 की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के आंकड़ों के मुताबिक, देश की 30% आबादी इस कमी से प्रभावित है। विशेषज्ञों का कहना है कि गलत खानपान, खराब जीवनशैली और जंक फूड खाने की बढ़ती आदतें इसके मुख्य कारण हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इस कमी का पता लगाना जरूरी है क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
विटामिन बी12 की कमी से होने वाले रोग
1. एनीमिया और रक्त विकार:
विटामिन बी12 की कमी से लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने लगती है, जिससे मेगालोब्लास्टिक एनीमिया जैसी स्थिति पैदा होती है। यह स्थिति शरीर में रक्त की कमी को गंभीर रूप से बढ़ा सकती है।
2. मस्तिष्क और न्यूरोलॉजिकल रोग:
- याददाश्त कमजोर होना
- डिमेंशिया और भूलने की बीमारी
- परिधीय न्यूरोपैथी (तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव)
- वृद्धावस्था में पार्किंसंस रोग का खतरा
3. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं
- मानसिक संतुलन की स्थिति बिगड़ना
4. त्वचा और बालों की समस्याएं:
- रूखी त्वचा और बालों का झड़ना
- लंबे समय तक अनदेखी करने पर त्वचा रोग
5. पाचन और अन्य बीमारियां:
- सीलिएक रोग और क्रोहन रोग जैसी पाचन तंत्र की समस्याएं
- दुर्लभ मामलों में हार्ट डिजीज और डायबिटीज का खतरा
विटामिन बी12 की कमी के कारण
आहार विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर इस विटामिन का उत्पादन नहीं कर सकता, इसे केवल भोजन से प्राप्त किया जा सकता है। शाकाहारी खानपान का पालन करने वाले या फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड का अत्यधिक सेवन करने वाले लोगों में यह कमी अधिक पाई जाती है। स्वस्थ खाद्य पदार्थों जैसे दूध, दही, मक्खन, हरी सब्जियां और फल का कम उपयोग भी प्रमुख कारण है।
लक्षण जो पहचानने में मदद करते हैं
- थकान और कमजोरी
- सिरदर्द और चक्कर आना
- वजन घटना
- स्मृति हानि
- त्वचा और बालों की समस्याएं
विटामिन बी12 की कमी को रोकने के उपाय
- आहार में पोषण का ध्यान रखें:
- मांस, मछली, अंडे और दही शामिल करें।
- डॉक्टर की सलाह लें:
- विटामिन बी12 की खुराक और दवाओं का सेवन करें।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:
- पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम करें।
- नियमित जांच कराएं:
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार हर 6 महीने में विटामिन बी12 का स्तर जांचें।
निष्कर्ष: विटामिन बी12 की कमी को नजरअंदाज करना गंभीर बीमारियों को न्योता देने जैसा है। सही आहार और जीवनशैली से इस कमी को दूर किया जा सकता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।