हाल ही में एक घटना में वर्कलोड के चलते एक युवा लड़की की मौत ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस मामले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा, “यह केवल काम का बोझ नहीं, बल्कि व्यक्तिगत मानसिकता का भी सवाल है,” जो उनके इस संवेदनहीनता भरे कथन के कारण आलोचना का कारण बन गया।
कांग्रेस पार्टी ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और युवाओं की मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। कांग्रेस ने वित्त मंत्री के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि यह सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
इस घटनाक्रम ने न केवल समाज में चर्चा को जन्म दिया है, बल्कि युवा कर्मचारियों की वर्कलोड और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर एक जरूरी बहस को भी जन्म दिया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि काम का अत्यधिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर सरकार को तुरंत ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।