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रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा को दो प्रतिष्ठित सम्मान

Blood donor Shiromani Anil Verma receives two prestigious awards

वरिष्ठ रक्तदाता एवं प्रेरक अनिल वर्मा को उनके असाधारण योगदान के लिए “शहीद साजू मेमोरियल अवॉर्ड – 2025” तथा “ब्लड डोनर – लाइफ सेवर सिल्वर जुबिली बैज ऑफ ऑनर” से सम्मानित किया गया। ये सम्मान क्रमशः वेस्ट बंगाल वालंटरी ब्लड डोनर्स सोसाइटी और सोसायटी ऑफ वालंटरी ब्लड डोनर्स, त्रिपुरा द्वारा प्रदान किए गए। अनिल वर्मा अब तक 155 बार रक्तदान कर चुके हैं और पिछले 55 वर्षों से स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं।

सम्मान समारोह का भव्य आयोजन

यह सम्मान समारोह पश्चिम बंगाल के बोलपुर, बीरभूम स्थित शांतिनिकेतन में आयोजित किया गया। तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. अरूणोदय मंडल (अध्यक्ष, वेस्ट बंगाल वालंटरी ब्लड डोनर्स सोसाइटी), अति विशिष्ट अतिथि जनाब फैयाजुल हक़ काजल शेख़ (सभाधिपति, जिला पंचायत बीरभूम) और विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रणव बनिक (अध्यक्ष, सोसायटी ऑफ वालंटरी ब्लड डोनर्स, त्रिपुरा) की उपस्थिति में अनिल वर्मा को शील्ड ऑफ अवॉर्ड, अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र और सिल्वर जुबिली बैज से सम्मानित किया गया।

रक्तदान से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

सम्मेलन के वैज्ञानिक सत्र में अनिल वर्मा ने रक्तदान और थैलेसीमिया उन्मूलन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु रक्त न मिलने के कारण न हो और हर नागरिक रक्तदान को अपने जीवन का हिस्सा बनाए। उन्होंने थैलेसीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत विवाह से पहले थैलेसीमिया जांच को अनिवार्य करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि नियमित रक्तदान से स्वास्थ्य लाभ भी होता है, जैसे हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना कम होना और रक्त परिसंचरण में सुधार। उत्तराखंड में स्वैच्छिक रक्तदान की प्रगति को साझा करते हुए उन्होंने अन्य राज्यों से भी इसमें सक्रिय भागीदारी की अपील की।

सम्मेलन में देशभर के प्रतिनिधियों की भागीदारी

इस सम्मेलन में उत्तराखंड, ओडिशा, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात समेत पश्चिम बंगाल के 23 जिलों से लगभग 700 रक्तदाता, प्रेरक और ब्लड बैंक अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान संस्था के महासचिव कबि घोष, मुख्य सलाहकार डॉ. के.के. बनिक, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट अयूब अंसारी, उपाध्यक्ष शर्मिला घोष, सह सचिव डॉ. सुबर्ना गोस्वामी, डॉ. तंपन घोष, डॉ. देबबृत रॉय, डॉ. संजित चटर्जी सहित कई गणमान्य लोगों ने अपने विचार साझा किए।

रक्तदान जागरूकता को लेकर अनिल वर्मा के योगदान को पूरे देश में सराहा गया, और यह सम्मान उनके अथक प्रयासों की पहचान के रूप में दिया गया है।

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