मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्यहित से जुड़े 25 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। लगभग चार घंटे चली इस बैठक में कृषि, शिक्षा, संस्कृत भाषा के संवर्धन और आपदा प्रबंधन से जुड़े कई फैसले लिए गए, जो आने वाले समय में राज्य के विकास की दिशा तय कर सकते हैं।
खेती-किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं
बैठक में उत्तराखंड कीवी नीति को मंजूरी मिली। इसके तहत कीवी की खेती को बढ़ावा देने के लिए 2030 तक 3,500 हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। किसानों को प्रति एकड़ 12 लाख रुपये की लागत पर 50 से 70 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।
इसी तरह ड्रैगन फ्रूट की खेती योजना को भी स्वीकृति मिली है। योजना के तहत पांच साल में 282 एकड़ भूमि पर खेती होगी और किसानों को 80% तक अनुदान मिलेगा।
संस्कृत भाषा और शिक्षा पर विशेष जोर
राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले के एक गांव को संस्कृत ग्राम घोषित करने का निर्णय लिया है। इन गांवों में संस्कृत प्रचार के लिए इंटेक्टर तैनात किए जाएंगे जिन्हें ₹20,000 का मासिक वेतन मिलेगा।
इसके साथ ही सरकार ने कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को निःशुल्क नोटबुक देने का फैसला किया है, जो इसी वर्ष से लागू होगा।
आपदा राहत को सशक्त करने की दिशा में कदम
डीएम और मंडलायुक्तों के आपदा राहत कार्यों के लिए वित्तीय अधिकार बढ़ाए गए हैं। अब डीएम को ₹1 करोड़ और मंडलायुक्त को ₹5 करोड़ तक की मंजूरी देने का अधिकार होगा।
रिस्पना नदी के किनारों को फ्लड फिलिंग जोन घोषित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है, जिससे भविष्य में बाढ़ से बचाव सुनिश्चित किया जा सकेगा।
अन्य अहम फैसले
- यूसीसी के तहत शादी और तलाक के लिए सब-रजिस्ट्रार अधिकृत होंगे।
- पंतनगर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 11 हेक्टेयर भूमि निशुल्क दी जाएगी।
- स्वच्छता कार्यों में लगे दिव्यांग या दिवंगत कर्मचारियों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- मेगा इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट नीति को जून 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
- सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और विज्ञान शिक्षा संस्थानों के ढांचे में बदलाव को भी मंजूरी मिली है।
यह बैठक राज्य के सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में अहम मानी जा रही है। विभिन्न क्षेत्रों में लिए गए निर्णयों से आने वाले वर्षों में विकास की रफ्तार को बल मिलने की उम्मीद है।