बेंगलुरु – भारतीय टेक उद्यमी और ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल की महत्वाकांक्षी AI कंपनी **कृत्रिम SI Design** एक नई फंडिंग राउंड के लिए सक्रिय हो गई है। कंपनी 300 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत कर रही है। यह फंडिंग कंपनी को वैश्विक स्तर पर AI क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के लिए और अधिक सक्षम बनाएगी।
पहली बार फंडिंग जुटा रही यूनिकॉर्न कंपनी
कृत्रिम SI Design ने जनवरी 2024 में 75 मिलियन डॉलर की शुरुआती फंडिंग जुटाकर यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया था। यह नया फंडिंग राउंड कंपनी का पहला बड़ा निवेश प्रयास होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले 500 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना थी, लेकिन निवेशकों की सीमित दिलचस्पी के चलते इसे घटाकर 300 मिलियन डॉलर कर दिया गया है।
गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन और SBI कैपिटल कर रहे हैं फंडिंग का संचालन
इस महत्वपूर्ण फंडिंग प्रक्रिया की जिम्मेदारी तीन बड़ी वित्तीय संस्थाएं – गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन, और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स को सौंपी गई है। इससे स्पष्ट होता है कि कृत्रिम अब वैश्विक निवेशकों की नजरों में है और भारत के AI क्षेत्र में इसका महत्व तेजी से बढ़ रहा है।
AI मॉडल्स और सुपरकंप्यूटर से बदलने वाली है तस्वीर
कंपनी पहले ही कई उन्नत AI मॉडल्स पर काम कर रही है, जैसे – कृत्रिम-2(लैंग्वेज मॉडल), चित्रार्थ 1 (इमेज और टेक्स्ट), ध्वनि 1 (स्पीच), और व्याख्यार्थ 1 (भारतीय भाषाओं पर केंद्रित मॉडल)। इसके अलावा कृत्रिम भारत का सबसे बड़ा AI सुपरकंप्यूटर भी बना रही है, जिसमें NVIDIA के नवीनतम GB200 चिप्स का उपयोग किया जाएगा।
भाविश अग्रवाल की भारत-केंद्रित AI रणनीति
अग्रवाल ने हाल ही में ‘कृत्रिम AI लैब्स’ लॉन्च करने की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य भारत की समस्याओं को हल करने के लिए देशज AI समाधान विकसित करना है। कंपनी ने इसके लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रारंभिक निवेश किया है, जिसे अगले साल तक 10,000 करोड़ रुपयेतक बढ़ाने की योजना है।
कृत्रिम की यह पहल न केवल भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह ग्लोबल AI प्रतियोगिता में भारत की मजबूत मौजूदगी भी दर्ज कराएगी।