देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। 1989 बैच के आईएएस अधिकारी वर्धन ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया। वे इससे पहले कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य कर चुके हैं और राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में उनकी गहरी पकड़ मानी जाती है।
तीन दशक का प्रशासनिक अनुभव
आनंद वर्धन के पास प्रशासनिक सेवा का लंबा अनुभव है। अपने करियर में उन्होंने वित्त, गृह, ऊर्जा, शहरी विकास और वन जैसे प्रमुख विभागों का नेतृत्व किया है। उनकी रणनीतिक समझ और निर्णय लेने की क्षमता के कारण सरकार ने उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी नियुक्ति से राज्य सरकार के कामकाज में तेजी आएगी और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
प्राथमिकताएं और चुनौतियां
मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभालने के बाद आनंद वर्धन ने कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य में प्रशासनिक सुधार, विकास योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन और सुशासन को और मजबूत बनाना रहेगा। उन्होंने कहा, “सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना और आम जनता तक लाभ पहुंचाना मेरी प्राथमिकता होगी। पारदर्शिता और जवाबदेही प्रशासन की मुख्य धुरी रहेगी।”
उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचे का विकास और पर्यटन को बढ़ावा देना जैसी कई महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आनंद वर्धन के अनुभव का लाभ इन क्षेत्रों में उठाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री और प्रशासन की प्रतिक्रियाएं
मुख्यमंत्री ने आनंद वर्धन को बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रशासन नई ऊंचाइयों को छुएगा। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भी उनके साथ काम करने को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
पूर्व मुख्य सचिव एस.एस. संधु हुए सेवानिवृत्त
आनंद वर्धन ने एस.एस. संधु का स्थान लिया है, जो अपनी सेवा अवधि पूरी कर सेवानिवृत्त हो गए हैं। संधु के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की गई थीं, जिनमें चारधाम सड़क परियोजना और अवस्थापना विकास से जुड़े कई बड़े फैसले शामिल हैं।
भविष्य में अहम नीतिगत फैसलों की उम्मीद
राजनीतिक और प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि आनंद वर्धन के नेतृत्व में राज्य सरकार कई बड़े और प्रभावी नीतिगत बदलाव कर सकती है। खासतौर पर डिजिटल गवर्नेंस, पर्यटन नीति और औद्योगिक विकास को लेकर नए फैसले लिए जाने की संभावना है।