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पौड़ी के आनंद प्रकाश बडोला बने भारतीय तटरक्षक के अपर महानिदेशक, क्षेत्र में खुशी की लहर

Anand Prakash Badola of Pauri became Additional Director General of Indian Coast Guard, wave of happiness in the area

पौड़ी (उत्तराखंड): उत्तराखंड का पौड़ी जिला देश को शूरवीर योद्धा और समर्पित अधिकारी देने के लिए जाना जाता है। इसी जिले के पठोल गांव के रहने वाले आनंद प्रकाश बडोला को भारतीय तटरक्षक के अपर महानिदेशक (ADG) के पद पर नियुक्त किया गया है। इस खबर से उनके गांव और जिले में हर्षोल्लास का माहौल है।

सम्मानों और सेवाओं से सजी उपलब्धियां

आनंद प्रकाश बडोला को 26 जनवरी 2022 को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति तटरक्षक पुरस्कार से नवाजा गया था। इससे पहले, 2021 में उन्हें रक्षा मंत्री द्वारा आयोजित समारोह में मेधावी सेवा के लिए राष्ट्रपति तटरक्षक पदक दिया गया था। अपने 35 वर्षों के समर्पित कार्यकाल में, आनंद प्रकाश ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि और करियर की शुरुआत

आनंद प्रकाश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के विकासनगर और एसजीआरआर कॉलेज से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने 1990 में भारतीय तटरक्षक बल में अपनी सेवाएं शुरू कीं। उनके अद्वितीय नेतृत्व और कड़ी मेहनत ने उन्हें कई अहम पदों तक पहुंचाया।

प्रमुख भूमिकाएं और अनुभव

  1. फ्लैग रैंक पर पदोन्नति (2017): उन्होंने तटरक्षक पूर्वी और पश्चिमी तटों के मुख्यालयों में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया।
  2. मुंबई (2019-2021): उन्होंने कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) के रूप में सेवाएं दीं।
  3. चेन्नई (2021): 11 जून से 20 नवंबर तक कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के तौर पर कमान संभाली।
  4. तटरक्षक मुख्यालय: उप महानिदेशक (पॉलिसी और योजना) के रूप में अहम भूमिका निभाई।
  5. पोत संचालन: आनंद प्रकाश ने पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणी के पोतों की कमान संभाली।

समर्पण का प्रतीक बने बडोला

आनंद प्रकाश की नियुक्ति न केवल उनके परिवार और गांव के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह पूरे उत्तराखंड के लिए प्रेरणा है। उनके नेतृत्व और सेवाओं को देखकर युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श स्थापित हुआ है।

तटरक्षक के अपर महानिदेशक पद पर उनकी नियुक्ति से न केवल पौड़ी जिला, बल्कि पूरे उत्तराखंड में खुशी और गर्व का माहौल है। उनकी यह उपलब्धि उनकी मेहनत, ईमानदारी और देशसेवा के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है।

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