देहरादून: भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उत्तराखंड समेत देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। सेना ने 6 और 7 मई की रात को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 आतंकी ठिकानों को टारगेट कर मिसाइल हमले किए, जिससे कई आतंकी मारे गए और ठिकाने नेस्तनाबूद कर दिए गए। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी।
उत्तराखंड के प्रमुख संस्थानों की सुरक्षा कड़ी
सैन्य कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार ने सभी सीमावर्ती राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक कर राज्य की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और खासकर राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा। देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA), एफआरआई, वाडिया इंस्टीट्यूट, मसूरी स्थित एलबीएस अकादमी, रुड़की का आईआईटी, श्रीनगर गढ़वाल का एनआईटी और टिहरी की राष्ट्रीय पुलिस अकादमी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सुरक्षा बलों की तैनाती और गश्त तेज
राज्यभर में पुलिस और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राजधानी देहरादून से लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों तक सघन गश्त और वाहन चेकिंग की जा रही है। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और खुफिया निगरानी को और सक्रिय किया गया है। पुलिस विभाग ने संवेदनशील इलाकों में विशेष बलों की तैनाती कर दी है और जगह-जगह बैरिकेडिंग भी की गई है।
चारधाम यात्रा पर विशेष निगरानी
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है और हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन तीर्थ स्थलों की ओर बढ़ रहे हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्गों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री धामी ने चारों धामों में अतिरिक्त पुलिस बल, निगरानी कैमरे और नियंत्रण कक्ष सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं। पुलिस जवानों को भीड़ प्रबंधन और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
सीमा क्षेत्रों में विशेष चौकसी
चीन और नेपाल से लगी सीमाओं को लेकर उत्तराखंड पहले से ही संवेदनशील है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां इन क्षेत्रों में चौकसी और गश्त बढ़ा रही हैं। भारत-नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से अभियान चला रही है। सीमावर्ती गांवों में जनजागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है ताकि स्थानीय लोग संदिग्धों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
मुख्यमंत्री धामी की चेतावनी और निर्देश
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि राज्य की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पुलिस प्रशासन को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ देश की सुरक्षा नीति का मजबूत उदाहरण है, और उत्तराखंड सरकार इसके बाद की हर चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है।
भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद देशभर में सतर्कता का माहौल है और उत्तराखंड सरकार इस चुनौती का मजबूती से सामना कर रही है। राज्य में चल रही चारधाम यात्रा, संवेदनशील संस्थानों और सीमा क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। पुलिस, सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां मिलकर इस सुनिश्चित कर रही हैं कि राज्यवासियों की सुरक्षा में कोई कमी न रहे।