— Cyber Youth News
नई दिल्ली, 26 जून 2025:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जहां एक ओर दुनियाभर में प्रगति और तकनीकी नवाचार का जरिया बन रहा है, वहीं दूसरी ओर इसका इस्तेमाल अब साइबर अपराधी अपने काले मंसूबे पूरे करने में कर रहे हैं। भारत में बीते एक साल में AI की मदद से साइबर फ्रॉड के जरिए लोगों से करीब ₹23,000 करोड़ की ठगी की गई है।
बढ़ता खतरा: AI बना अपराधियों का नया हथियार
साइबर सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, फेक कॉल, डीपफेक वीडियो, और नकली वेबसाइट्स के जरिए आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। AI तकनीक के सहारे ठग अब बिल्कुल असली जैसी आवाजों और चेहरों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे आम आदमी असली-नकली का फर्क नहीं कर पा रहा।
किस तरह हो रही ठगी?
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डीपफेक टेक्नोलॉजी: अपराधी अब परिवारजनों या अधिकारियों की आवाज़ और चेहरों की नकल कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
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फेक जॉब ऑफर: AI-जनरेटेड वेबसाइट्स और मेल्स के जरिए युवाओं को झूठे नौकरी के वादे कर लाखों की ठगी की जा रही है।
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इन्वेस्टमेंट स्कैम: लोग AI-बेस्ड बॉट्स के जरिए निवेश के झूठे वादों में फंसते जा रहे हैं।
NCRB और CERT-In की रिपोर्ट चौंकाने वाली
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024-25 में कुल 74,000 से ज्यादा मामले AI आधारित साइबर फ्रॉड के सामने आए, जिनमें सबसे ज्यादा घटनाएं दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों से रिपोर्ट की गईं।
युवाओं को सबसे ज्यादा नुकसान
विशेषज्ञों के अनुसार, 18 से 35 वर्ष की उम्र के युवा सबसे अधिक शिकार बन रहे हैं, क्योंकि वे इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं।
सरकार और साइबर एजेंसियों की चेतावनी
भारत सरकार ने आम नागरिकों से असत्यापित कॉल्स, ईमेल्स, और वेबसाइट्स से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही, ‘Cyber Dost’ जैसे सरकारी हेल्पलाइन प्लेटफॉर्म्स पर शिकायत करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
📢 Cyber Youth की सलाह:
👉 अनजान लिंक या डाउनलोड से बचें
👉 सोशल मीडिया पर पर्सनल डिटेल्स शेयर न करें
👉 नौकरी, इन्वेस्टमेंट या इनाम से जुड़े ऑफर्स को सत्यापित करें
👉 ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
🛑 AI के दौर में सावधानी ही सुरक्षा है!