उत्तराखंडस्वास्थ्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’ में वर्चुअल भागीदारी की — मालाग्राम में हर्बल वर्ल्ड हिमालय का वैश्विक महत्व

यमकेश्वर के मालाग्राम में स्थापित ‘हर्बल वर्ल्ड हिमालय — श्री धन्वंतरि धाम’ को आयुष, वेलनेस और स्पिरिचुअल टूरिज्म का केंद्रीय केंद्र बताया गया

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मालाग्राम, यमकेश्वर में आयोजित ‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’ में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग करते हुए आयोजकों और आम जनता को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यमकेश्वर के मालाग्राम में स्थापित ‘हर्बल वर्ल्ड हिमालय — श्री धन्वंतरि धाम’ आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का एक समग्र तथा वैश्विक केंद्र बनेगा।

आयुर्वेद और आरोग्य संस्कृति का अंतरराष्ट्रीय केंद्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धाम भारत की “आरोग्य संस्कृति” का जीवंत स्वरूप होगा। यहाँ पारंपरिक ऋषि-मुनियों द्वारा स्थापित स्वास्थ्य सिद्धांतों के साथ वनस्पति-विज्ञान पर आधारित नौ प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों और विश्व की लगभग 964 चिकित्सा विधाओं का संगम देखने को मिलेगा — जो इसे वैश्विक स्तर पर विशिष्ट पहचान देगा।

प्रदेश में आयुष-विकास की योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार आयुर्वेद और आयुष के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर काम कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में 300 से अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही सभी जनपदों में 50 और 10-बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है ताकि प्राथमिक से लेकर द्वितीयक स्तर की स्वास्थ्य सेवाएँ स्थानीय स्तर पर सुलभ हो सकें।

उन्होंने आगे कहा कि आयुष नीति के तहत औषधि निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध तथा औषधीय पौधों के उत्पादन एवं संवर्धन के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन सेवाएँ भी प्रारम्भ करेगी और 50 नए योग व वेलनेस केन्द्र स्थापित करने की योजनाएँ हैं।

शोध व पर्यटन में निवेश

सरकार योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहित करने हेतु ₹10 लाख तक के अनुदान का प्रावधान कर रही है। साथ ही गढ़वाल और कुमाऊँ मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन स्थापित करने की भी योजना है, जिससे आयुर्वेदिक एवं स्पिरिचुअल पर्यटन को तेजी से बढ़ावा मिले।

कार्यक्रम में शिरकत करने वाले गणमान्य अतिथि

इस महत्वपूर्ण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी भूषण, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण तथा बाबा हटयोगी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

राज्य सरकार का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री ने समापन में कहा कि उत्तराखण्ड अपनी प्राकृतिक संपदा और आयुर्वेदिक ज्ञान को जोड़कर एक ऐसा मॉडल विकसित करेगा जो स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यटन — तीनों क्षेत्रों में दीर्घकालिक फायदेमंद सिद्ध होगा। उन्होंने जनता से सतत स्वास्थ्य अभ्यास, औषधीय पौधों के संवर्धन और स्थानीय परंपराओं के संरक्षण में सहयोग की अपील की।

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