मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अपने विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में स्थित टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के स्वाला डेंजर जोन का स्थलीय निरीक्षण किया। इस क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण आमजन की आवाजाही प्रभावित हो रही थी। मुख्यमंत्री ने मौके पर पहुँचकर भूस्खलन प्रभावित पहाड़ी, मलबे की स्थिति, जल निकासी व्यवस्था और सड़क की स्थिरता का प्रत्यक्ष जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी चम्पावत श्री मनीष कुमार ने मुख्यमंत्री को स्वाला भूस्खलन स्थल की भौगोलिक स्थिति, मलबे की मात्रा, जल प्रवाह की दिशा, भू-संरचना की प्रकृति तथा वैकल्पिक मार्गों की उपलब्धता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वाला क्षेत्र में स्थायी समाधान के लिए ठोस तकनीकी योजना तैयार की जाए, ताकि भविष्य में इस मार्ग पर यातायात बाधित न हो। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 तक इस मार्ग को पूर्णतः निर्बाध और सुचारु बनाया जाएगा।
जन सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता:
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र के निवासियों और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे राहत एवं पुनर्स्थापना कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि राजमार्ग पर मलबा हटाने के लिए पर्याप्त मशीनरी, जेसीबी और मैनपावर हमेशा तत्पर रखी जाए ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके। साथ ही वैकल्पिक मार्गों को सुरक्षित और चालू स्थिति में बनाए रखने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करने को कहा कि मार्ग से जुड़े गांवों के लोगों को समय-समय पर अपडेट सूचना दी जाए और राहत सामग्री की उपलब्धता भी बनी रहे।
स्थायी भू-वैज्ञानिक समाधान पर सरकार का फोकस:
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार ऐसे संवेदनशील स्थलों के स्थायी भू-वैज्ञानिक समाधान पर कार्य कर रही है, ताकि राज्य की सड़कें हर मौसम में सुचारु और सुरक्षित बनी रहें। उन्होंने कहा कि चम्पावत-टनकपुर मार्ग न केवल क्षेत्रीय आवागमन का महत्वपूर्ण मार्ग है, बल्कि यह सीमांत इलाकों की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा भी है, इसलिए इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ विकसित किया जा रहा है।




