उत्तराखंडदेहरादून

देहरादून में भारी बारिश से सात लोगों की मौत, 102 करोड़ की संपत्ति का नुकसान

मौसम जनित घटनाओं से नुकसान, मसूरी में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज

देहरादून: जिले में 1 अप्रैल से अब तक बारिश और मौसम संबंधी घटनाओं के कारण कम से कम सात लोगों की मौत हो चुकी है और तीन अन्य घायल हुए हैं। इस बीच विभिन्न सरकारी विभागों को लगभग ₹102 करोड़ के नुकसान का अनुमान है।

शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात देहरादून जिले में भारी बारिश हुई, जिसने मसूरी समेत कई क्षेत्रों में व्यापक नुकसान पहुंचाया। देर रात एनएच-707A का एक हिस्सा बारिश में बह गया और वहां खड़ी एक दोपहिया गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने बताया कि क्षतिग्रस्त हिस्से से केवल चारपहिया वाहनों को गुजरने की अनुमति है जबकि बसों और ट्रकों की आवाजाही रोक दी गई है।

मसूरी-धनोल्टी मार्ग पर जबरखेत के पास एक बड़ा पेड़ गिर गया, जिससे यातायात अस्थायी रूप से ठप हो गया। बार्लोगंज स्थित मैरीविले एस्टेट में देर रात बारिश के कारण दृश्यता कम होने से एक दोपहिया वाहन सड़क से नीचे गिर गया, जिसमें दो लोग घायल हुए। मसूरी थानाध्यक्ष संतोष कुँवर ने बताया कि सभी मार्ग शनिवार सुबह तक खोल दिए गए और यातायात सामान्य हो गया।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ऋषभ कुमार ने बताया कि मसूरी में पेड़ गिरने की घटना के अलावा शहर के बाहरी क्षेत्रों और ऋषिकेश में जलभराव की शिकायतें मिलीं। खासकर कालसी ब्लॉक में भूस्खलन की घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई है और मार्गों को धीरे-धीरे मलबे से साफ किया जा रहा है।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, मसूरी में रातभर में 188.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो जिले में सबसे ज्यादा रही। इसके बाद जॉलीग्रांट में 111.4 मिमी और मालदेवता में 110 मिमी बारिश हुई। शनिवार शाम तक 11 ग्रामीण सड़कें बंद रहीं।

उधर, हरिद्वार में एक पुराने प्राथमिक विद्यालय की जर्जर इमारत का एक कमरा बारिश के कारण ढह गया। शिक्षा विभाग ने कहा कि उस समय वहां कक्षाएं नहीं चल रही थीं। खंड शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल राठौर ने बताया कि स्कूल परिसर में मौजूद तीनों जर्जर कमरे जल्द ही तोड़ दिए जाएंगे।

हरिद्वार निवासी शांति देवी ने कहा, “हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या अक्सर बनी रहती है। लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सरकार को स्थायी समाधान निकालना चाहिए और नालों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”

इस मानसून में अब तक 106 जलभराव, 121 जलापूर्ति बाधित होने और 64 पेड़ गिरने की घटनाओं की शिकायतें दर्ज की गईं। सात लोगों की मौत के अलावा 32 पशुओं की जान गई और 127 मकान क्षतिग्रस्त हुए।

क्षति का सबसे बड़ा हिस्सा लोक निर्माण विभाग (PWD) को हुआ है। विभाग की 346 संपत्तियों को ₹32.5 करोड़ का नुकसान हुआ है। सिंचाई विभाग की 255 संपत्तियों को ₹18.2 करोड़ और जल संस्थान की 241 संपत्तियों को ₹3 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। कालसी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) नेटवर्क को ₹6.7 करोड़ की क्षति हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि कुल नुकसान ₹102 करोड़ का है। भूस्खलन रोकथाम के लिए लोक निर्माण विभाग ने ₹98.5 करोड़ की छह परियोजनाओं का प्रस्ताव दिया है, जिन्हें मानसून के बाद सरकार की मंजूरी मिलने पर शुरू किया जाएगा।

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