Cyber Youth News | देहरादून | 3 अगस्त 2025
उत्तराखंड में हाल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सामने आईं खामियों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में राज्य सरकार स्वास्थ्य आयुक्त पद की स्थापना से लेकर मेडिकल कॉलेजों में डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन की तैनाती पर भी विचार कर रही है।
🔍 प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में शनिवार को प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि:
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हाल की घटनाओं की सघन समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
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सभी स्तरों पर जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
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लापरवाही या अव्यवस्था के लिए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
🆘 सभी जिला अस्पतालों में हेल्पडेस्क और PRO होंगे तैनात
राज्य सरकार ने सभी जिला चिकित्सालयों और प्रमुख अस्पतालों में एक हेल्पडेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन हेल्पडेस्क पर एक जनसंपर्क अधिकारी (PRO) अनिवार्य रूप से तैनात रहेगा, जो मरीजों और उनके परिजनों की सहायता करेगा।
साथ ही, अस्पतालों में भीड़ प्रबंधन के लिए ओपीडी आदि की ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
🏢 मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक व्यवस्था होगी मजबूत
राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों में एम्स मॉडल के आधार पर डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन पद की स्थापना पर विचार कर रही है। इसका उद्देश्य कॉलेजों की प्रशासनिक दक्षता को बेहतर करना है।
प्रमुख सचिव ने यह भी कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य आयुक्त की नियुक्ति की आवश्यकता पर गंभीरता से विचार हो रहा है और इसके लिए एक सुस्पष्ट प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
💳 आयुष्मान मित्र और जिला स्तरीय अधिकारी भी होंगे सशक्त
प्रमुख सचिव ने अस्पतालों में पहले से कार्यरत आयुष्मान हेल्प डेस्क (आयुष्मान मित्र) की भूमिका को और अधिक सशक्त और सक्रिय बनाने पर भी जोर दिया।
इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन के माध्यम से प्रत्येक जिला और उप-जिला अस्पताल में एक प्रशासनिक अधिकारी को रोस्टर आधारित तैनात किया जाएगा, जिससे प्रशासनिक व्यवस्थाएं और प्रभावी हो सकें।
👥 बैठक में शामिल रहे वरिष्ठ अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपांगी और चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना भी उपस्थित रहे।
📌 निष्कर्ष
राज्य सरकार का यह कदम न केवल उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दर्शाता है कि सरकार उत्तरदायित्वपूर्ण और पारदर्शी प्रशासन के लिए प्रतिबद्ध है।