मुंबई साइबर ठगी कांड: 70 वर्षीय डॉक्टर 8 दिन तक रहीं ‘डिजिटल अरेस्ट’ में, साइबर ठगों ने उड़ाए 3 करोड़ रुपये | Cyber Youth News
मुंबई से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 70 वर्षीय महिला डॉक्टर को साइबर ठगों ने 8 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा और करीब 3 करोड़ रुपये की ठगी कर ली।
रिपोर्ट के अनुसार, साइबर अपराधियों ने खुद को दिल्ली पुलिस और मनी लॉन्ड्रिंग अधिकारियों के रूप में पेश किया। उन्होंने डॉक्टर को डराया कि उनका नाम एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है। डर और भ्रम की स्थिति में, डॉक्टर को वीडियो कॉल के ज़रिए नजरबंद रखा गया।
क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’?
डिजिटल अरेस्ट का मतलब है किसी व्यक्ति को मानसिक रूप से बंदी बना लेना, जिसमें ठग लगातार वीडियो कॉल पर निगरानी रखते हैं और व्यक्ति को बाहर किसी से संपर्क नहीं करने देते।
कैसे हुई ठगी:
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ठगों ने कहा कि डॉक्टर की जानकारी मनी लॉन्ड्रिंग केस में इस्तेमाल हुई है।
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उन्हें भरोसा दिलाया गया कि यदि वे सहयोग नहीं करेंगी, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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डर के मारे डॉक्टर ने धीरे-धीरे अपनी 3 करोड़ रुपये की जीवनभर की जमा पूंजी अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी।
पुलिस जांच जारी:
मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने मामला दर्ज कर लिया है और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर ठगों की तलाश की जा रही है।
➡️ सावधानी जरूरी:
साइबर ठग नए-नए तरीके से लोगों को निशाना बना रहे हैं। यदि कोई अधिकारी बनकर कॉल करे और बैंक/पैसे से जुड़ी जानकारी मांगे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
📢 Cyber Youth News जनता से अपील करता है कि वे जागरूक रहें और किसी भी डिजिटल ठगी से खुद को सुरक्षित रखें।