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शेयर बाजार में गिरावट: सेंसेक्स 212 अंक टूटा, निफ्टी भी 24,900 से नीचे बंद; वैश्विक तनाव ने बढ़ाई चिंता

Decline in stock market: Sensex fell by 212 points, Nifty also closed below 24,900; Global tensions increased concern

मुंबई: कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार पर वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर देखने को मिला। मंगलवार को सेंसेक्स 212 अंकों की गिरावट के साथ 81,583.30 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 0.37 फीसदी कमजोर होकर 24,853.40 के स्तर पर क्लोज हुआ।

सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट, आईटी रहा मजबूत
आईटी सेक्टर को छोड़कर लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में नजर आए। फार्मा और मेटल सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला, जहां 1 से 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी कमजोरी के साथ बंद हुए, जिससे छोटे निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ा।

इन शेयरों में रही हलचल
विशाल मेगा मार्ट, मझगांव डॉक, स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज, कोचीन शिपयार्ड और बीएसई लिमिटेड जैसे स्टॉक्स एनएसई पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहे। हालांकि इनमें से कई शेयरों ने बाजार के नकारात्मक माहौल के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन समग्र रूप से बिकवाली का दबाव ज्यादा हावी रहा।

भारतीय रुपया भी टूटा
मंगलवार को विदेशी मुद्रा बाजार में भी कमजोरी देखने को मिली। भारतीय रुपया 18 पैसे टूटकर 86.24 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जबकि सोमवार को यह 86.06 प्रति डॉलर पर था। रुपये की गिरावट से आयातित वस्तुओं की लागत बढ़ सकती है, जिससे महंगाई पर असर पड़ सकता है।

गिरावट की वजह: वैश्विक तनाव और एफआईआई की बिकवाली
शेयर बाजार में आई गिरावट का मुख्य कारण इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव माना जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तेहरान के नागरिकों को क्षेत्र खाली करने की सलाह और ईरान के साथ परमाणु समझौते से पीछे हटने की बातों ने बाजार को असमंजस में डाल दिया।

दक्षिण कोरिया का कोस्पी, चीन का एसएसई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स भी नकारात्मक रुझान में रहे। इसके अलावा अमेरिकी शेयर वायदा बाजारों में भी कमजोर शुरुआत का संकेत मिला।

कच्चे तेल की कीमतें बनीं चिंता का विषय
ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.53 फीसदी बढ़कर 73.62 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई, जो भारत जैसे आयातक देशों के लिए चिंता का कारण है। उच्च तेल कीमतें व्यापार घाटे और मुद्रास्फीति पर दबाव डाल सकती हैं।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 2,539.42 करोड़ रुपये की इक्विटी बेच डाली, जिससे घरेलू बाजार पर अतिरिक्त दबाव बना। निवेशकों का रुख सतर्क बना हुआ है और वे फिलहाल जोखिम लेने से बच रहे हैं।

वैश्विक अनिश्चितताओं और निवेशकों की सतर्कता के कारण भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी देखने को मिली। आने वाले दिनों में बाजार की दिशा वैश्विक घटनाक्रम, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी निवेश प्रवाह पर निर्भर करेगी।

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