नई दिल्ली: देशभर में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन चुके यूपीआई (UPI) को लेकर एक बड़ा बदलाव आने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो 31 जुलाई 2025 से लागू होंगे। इन नियमों का असर सीधा आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जो फोनपे, गूगल पे, पेटीएम जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं।
एक दिन में अधिकतम 25 ट्रांजैक्शन
अब एक व्यक्ति किसी एक यूपीआई प्लेटफॉर्म से दिनभर में केवल 25 बार ही लेनदेन कर पाएगा। यदि 25 ट्रांजैक्शन पूरे हो जाते हैं, तो उसी दिन 26वां भुगतान संभव नहीं होगा। यह नियम ट्रैफिक कंट्रोल और नेटवर्क की क्षमता बनाए रखने के उद्देश्य से लाया गया है।
बैलेंस जांचने की सीमा भी तय
अक्सर बैंक बैलेंस चेक करने वाले यूजर्स के लिए भी सीमा तय की गई है। अब एक दिन में 50 बार से अधिक बैलेंस इंक्वायरी नहीं की जा सकेगी। यह बदलाव सिस्टम पर अनावश्यक लोड कम करने के लिए लागू किया गया है।
पीक टाइम में विशेष सावधानी
NPCI ने लेनदेन के लिए कुछ व्यस्त समय (पीक ऑवर्स) निर्धारित किए हैं: सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 से रात 9:30 बजे तक। इन घंटों में लेनदेन करते समय बार-बार स्टेटस चेक न करने की सलाह दी गई है, क्योंकि नेटवर्क पर उस दौरान ज्यादा भार रहता है।
ऑटोपे सेवाओं में भी बदलाव
SIP, EMI या अन्य नियमित भुगतानों के लिए उपयोग की जाने वाली ऑटोपे सुविधा अब केवल पीक ऑवर्स के बाहर काम करेगी। साथ ही, किसी एक ऑटोपे मैंडेट को शुरू करने का मौका भी सिर्फ एक बार मिलेगा।
फेल ट्रांजैक्शन की मॉनिटरिंग पर सीमा
अगर कोई लेनदेन असफल रहता है या प्रोसेस में है, तो उसका स्टेटस सिर्फ तीन बार और दो घंटे के भीतर ही देखा जा सकता है। इससे बार-बार रीक्वेस्ट भेजने से बचा जा सकेगा और सिस्टम स्थिर रहेगा।
तेजी से पूरा होगा ट्रांजैक्शन
यूपीआई ट्रांजैक्शन को अब और तेज बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। पहले जहां भुगतान प्रक्रिया में लगभग 30 सेकंड लगते थे, अब वह घटाकर 10 से 15 सेकंड कर दी गई है।
पेमेंट में नाम दिखाने का नया सिस्टम
गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर न हों, इसके लिए नया प्रावधान जोड़ा गया है। अब जब आप किसी को पैसे भेजेंगे, तो सिर्फ अंतिम लाभार्थी का नाम स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिससे पहचान सुनिश्चित हो सकेगी।
यूपीआई लेनदेन में नया रिकॉर्ड
मई 2025 में यूपीआई के जरिए 1868 करोड़ ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए, जो कि अप्रैल की तुलना में 33% अधिक हैं।
नए नियम यूपीआई को और अधिक सुरक्षित, तेज और व्यवस्थित बनाने के लिए बनाए गए हैं। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते इन बदलावों को समझें और लेनदेन की नई सीमाओं का पालन करें, ताकि डिजिटल भुगतान का अनुभव और भी बेहतर हो सके।