विमान दुर्घटनाओं की घटनाएं आमतौर पर त्रासदी लेकर आती हैं, लेकिन हाल ही में एक अनोखा संयोग सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। भारत और थाईलैंड में दो अलग-अलग वर्षों में हुई दो बड़ी विमान दुर्घटनाओं में एक ही सीट 11A पर बैठे यात्री जीवित बच निकले। यह संयोग सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोग इसे महज इत्तेफाक नहीं बल्कि चमत्कार मान रहे हैं।
रुआंगसाक और रमेश: दो हादसे, एक सीट
थाईलैंड के प्रसिद्ध गायक और अभिनेता रुआंगसाक लोयचुसाक वर्ष 1998 में थाई एयरवेज की फ्लाइट TG261 में यात्रा कर रहे थे, जो दक्षिणी थाईलैंड के एक दलदल क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे में सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन रुआंगसाक चमत्कारी रूप से बच निकले। वे सीट 11A पर बैठे थे।
वर्षों बाद, 12 जून 2025 को भारत में एअर इंडिया की फ्लाइट AI-976 अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भयावह हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई, लेकिन 45 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश, जो सीट 11A पर बैठे थे, जीवित बच निकले। फिलहाल रमेश अस्पताल में भर्ती हैं और उनके शरीर का एक हिस्सा झुलस गया है, पर उनकी हालत स्थिर है।
रुआंगसाक की भावुक प्रतिक्रिया
इस खबर के बाद रुआंगसाक ने फेसबुक पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “भारत में दुर्घटनाग्रस्त विमान में जीवित बचे यात्री और मैं एक ही सीट पर बैठे थे – 11A।” उन्होंने भारत के हादसे में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और रमेश के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
क्या सीट 11A वाकई सुरक्षित है?
विशेषज्ञों के अनुसार, सीट 11A अक्सर विमान के बाएं हिस्से में आपातकालीन निकास द्वार के समीप होती है। ऐसे स्थान पर बैठने से दुर्घटना की स्थिति में विमान से बाहर निकलने की संभावना अधिक हो सकती है, खासकर जब दुर्घटना आंशिक प्रभाव वाली हो।
एअर इंडिया की दुर्घटना में भी यही देखा गया, जहां निकास द्वार के पास होने के कारण रमेश समय रहते विमान से बाहर निकलने में सफल हुए। इसी तरह, रुआंगसाक के मामले में भी यह सीट उनकी सुरक्षा का कारण बनी।
दो अलग-अलग समय और स्थानों पर हुई दुखद घटनाओं में सीट 11A पर बैठे यात्रियों का जीवित बच निकलना केवल एक संयोग हो सकता है, लेकिन यह संयोग अब लोगों के लिए उम्मीद, चमत्कार और जीवन के प्रति एक नई सोच का प्रतीक बन गया है।